विज्ञापन

नीतीश, नायडू, चिराग जैसे नेताओं की इफ्तार और ईद मिलन पार्टी से दूरी, मौलाना मदनी ने जारी किया फरमान

जमीयत उलमा-ए-हिंद ने नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान जैसे नेताओं की इफ्तार पार्टी से दूरी बनाने का फरमान जारी किया है. मौलाना अरशद मदनी ने इसका कारण भी बताया.

नीतीश, नायडू, चिराग जैसे नेताओं की इफ्तार और ईद मिलन पार्टी से दूरी, मौलाना मदनी ने जारी किया फरमान
मौलाना अरशद मदनी ने नीतीश, नायडू और चिराग जैसे नेताओं की इफ्तार पार्टी से दूरी बनाने की अपील की है.

इस समय मुस्लिम समाज का पवित्र महीना माह-ए-रमजान चल रहा है. रमजान के दौरान कई नेता अपने क्षेत्र में इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं. जिसमें मुस्लिम समाज के कई लोग शामिल होते हैं. कई नेताओं की इफ्तार पार्टी बड़ी मशहूर हुआ करती है. नेताओं की यह इफ्तार पार्टी खुद को मुस्लिम समाज के करीब दिखाने की एक कोशिश होती है. लेकिन रमजान के महीने में मुस्लिमों की संख्या जमीयत उलमा-ए-हिंद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान जैसे नेताओं की इफ्तार पार्टी से दूरी बनाने की घोषणा की है. 

मौलाना अरशद मदनी ने बताया कारण

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि खुद को सेक्युलर कहने वाले वे लोग, जो मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार और अन्याय पर चुप हैं और मौजूदा सरकार का हिस्सा बने हुए हैं, उनके खिलाफ जमीयत उलमा-ए-हिंद ने सांकेतिक विरोध का फैसला किया है. इसके तहत अब जमीयत उलमा-ए-हिंद ऐसे लोगों के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगी, चाहे वह इफ्तार पार्टी हो, ईद मिलन हो या अन्य कोई आयोजन हो. 

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश में इस समय जिस तरह के हालात हैं और खासकर अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के साथ जो अन्याय और अत्याचार किया जा रहा है, वह किसी से छुपा नहीं है. 

सत्ता के लालच में अन्याय का समर्थन कर रहे खुद के सेक्युलर बताने वाले नेता

लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि खुद को सेक्युलर और मुसलमानों का हमदर्द बताने वाले नेता, जिनकी राजनीतिक सफलता में मुसलमानों का भी योगदान रहा है, वे सत्ता के लालच में न केवल खामोश हैं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से अन्याय का समर्थन भी कर रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि मुसलमानों को हाशिये पर धकेलने की योजनाबद्ध साजिशें हो रही हैं, धार्मिक भावनाएं आहत की जा रही हैं, धार्मिक स्थलों को विवादों में घसीटा जा रहा है, और दंगे कराकर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. इन घटनाओं पर भी ये तथाकथित सेक्युलर नेता आंखें मूंदे हुए हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

मदनी ने नीतीश, नायडू और चिराग का नाम लिख कोसा 

मौलाना मदनी ने नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान जैसे नेताओं के बारे में कहा कि वे सत्ता की खातिर न केवल मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अन्याय को नजरअंदाज कर रहे हैं, बल्कि देश के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की भी अनदेखी कर रहे हैं. 

वक्फ संशोधन बिल को लेकर असली नाराजगी

मौलाना मदनी ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर इन नेताओं का रवैया इनके दोहरे चरित्र को उजागर करता है. उन्होंने कहा कि ये नेता केवल मुसलमानों के वोट हासिल करने के लिए दिखावे का सेक्युलरिज्म अपनाते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को पूरी तरह भुला देते हैं.

इसी के मद्देनजर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने निर्णय लिया है कि वह ऐसे नेताओं के आयोजनों में शामिल होकर उनकी नीतियों को वैधता प्रदान नहीं करेगी. 

अन्य मुस्लिम संगठनों और संस्थाओं से भी दूरी बनाने की अपील

मौलाना मदनी ने देश की अन्य मुस्लिम संस्थाओं और संगठनों से भी अपील की है कि वे भी इस सांकेतिक विरोध में शामिल हों और इन नेताओं की इफ्तार पार्टियों और ईद मिलन जैसे आयोजनों में भाग लेने से परहेज करें. उन्होंने कहा कि जब देश में नफरत और अन्याय का माहौल पनप रहा है, तब इन नेताओं की चुप्पी उनके असली चरित्र को उजागर करती है. 

जमीयत उलमा-ए-हिंद ने देशभर में ‘संविधान बचाओ' सम्मेलन आयोजित कर इन नेताओं को जगाने की कोशिश की, लेकिन इसका भी उन पर कोई असर नहीं पड़ा. मौलाना मदनी ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब ये नेता हमारे दुख-दर्द से कोई सरोकार नहीं रखते, तो हमें भी उनसे किसी तरह की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: