
पहलगाम में हमले के एक महीने बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, 'हम भविष्य की ओर देख रहे हैं, लेकिन हम आतंकवादियों की तलाश नहीं छोड़ेंगे और न ही भूलेंगे'. पिछले महीने हुए भयानक आतंकवादी हमले के बाद स्थिति को सामान्य करे की कोशिश में सीएम ने पहलगाम में लिद्दर नदी के किनारे जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल की विशेष बैठक की. एनडीटीवी से विशेष बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस बैठक में क्या चर्चा हुई? यह महत्वपूर्ण नहीं है और न ही यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि इस नई सरकार के कार्यकाल में यह पहली बार है, जब मंत्रिमंडल की बैठक श्रीनगर (ग्रीष्मकालीन राजधानी) या जम्मू (शीतकालीन राजधानी) के बाहर हुई है. तो क्या महत्वपूर्ण है? यह बैठक एक संदेश थी, आतंकवाद और उन आतंकवादियों के खिलाफ़ विद्रोह का संकेत था, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की लाइफ लाइन, पर्यटन क्षेत्र को बंद करने के कायरतापूर्ण प्रयास में नागरिकों को निशाना बनाया.
अब्दुल्ला ने एनडीटीवी से कहा कि ये बैठक 26 परिवारों के अपूरणीय नुकसान को स्वीकार करने और भविष्य की ओर देखने के बारे में भी है. साथ ही कश्मीरी लोगों के लिए थी, जिनमें से कई ने पहलगाम हमले के पीड़ितों की मदद करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी.

उन्होंने कहा कि बेशक यह मायने रखता है, लेकिन हमें भविष्य की ओर देखना शुरू करना चाहिए. हमें यह देखना शुरू करना चाहिए कि स्थिति को कैसे सामान्य किया जाए और पहलगाम और बेताब घाटी जैसी जगहों को कैसे फिर से खोला जाए.
'मिनी स्विट्जरलैंड' बैसरन घाटी जैसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों को फिर से खोलने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, "हम इसी पर काम कर रहे हैं. इसका एक हिस्सा आत्मविश्वास बढ़ाने वाला उपाय है और दूसरा यह दिखाना है कि कश्मीर फिर से खुल गया है."
In Pahalgam to chair a cabinet meeting. We came to express solidarity with the local population. We've also come to thank all the tourists who are slowly making their way back to Kashmir & to Pahalgam. pic.twitter.com/VhKVyWV4Kd
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 27, 2025
सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि आयोजित विशेष कैबिनेट बैठक में पर्यटन पर चर्चा की गई, लेकिन ध्यान पहलगाम के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ पर था. उन्होंने जोर देकर कहा कि ध्यान कश्मीर के लोगों के साथ खड़े होने पर था, जिन्होंने एक स्वर में बात की और कहा कि ये हमला हमारे नाम पर नहीं है और हम निर्दोष लोगों की हत्या का समर्थन नहीं करेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम में विशेष बैठक का उद्देश्य लोगों के उस संदेश को और अधिक व्यापक बनाना था, जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर के सभी विधायक, पार्टी लाइन से हटकर, मारे गए लोगों के परिवारों के साथ खड़े हैं. शहरों और ग्रामीण इलाकों में लोग बाहर आए और इस इस घटना का जमकर विरोध किया.

ये 35 वर्षों में पहली बार था जब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया और पार्टी लाइन से हटकर, निर्वाचित प्रतिनिधियों ने हमले की निंदा की और मारे गए लोगों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाई.
अब्दुल्ला ने NDTV से कहा कि पहाड़ी इलाकें विशाल और घने जंगलों, ऊबड़-खाबड़, दुर्गम भरे हैं, लेकिन पहलगाम के हत्यारों की तलाश में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी. घाटी के चारों ओर धुंध से ढके पहाड़ों की ओर इशारा करते हुए सीएम ने कहा कि कभी-कभी इन लोगों का पता लगाना इतना आसान नहीं होता. इन चीजों में समय लगता है, लेकिन हम हार नहीं मानेंगे. हम उनका पता लगाएंगे और उन्हें न्याय के कटघरे में लाएंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं