
10 साल बाद पहली बार, मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने 2025-26 के लिए प्रॉपर्टी टैक्स दरों में बढ़ोतरी की है, जिससे मुंबई के 9 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी मालिकों पर सीधा असर पड़ा है. बीएमसी का दावा है कि अधिकतम 15 प्रतिशत तक की ही वृद्धि की गई है, लेकिन कई इलाकों में नागरिकों को 23% से 40% तक बढ़ा हुआ टैक्स बिल मिला है, जिससे हड़कंप मच गया है.
क्यों बढ़ा है टैक्स?
टैक्स बढ़ोतरी की मुख्य वजह मार्च 2025 में रेडी रेकनर दरों में औसतन 3.88% की बढ़ोतरी को बताया गया है, जिसके आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स का निर्धारण होता है. हालांकि, 500 वर्ग फुट से छोटे घरों को इस बढ़ोतरी से पूरी तरह छूट दी गई है, जिससे करीब 3.6 लाख लोग प्रभावित नहीं होंगे.
लेकिन इस बढ़ोतरी के खिलाफ राजनीतिक विरोध तेज हो गया है. कई पूर्व नगरसेवकों और कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि बीएमसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पुरानी टैक्स निर्धारण प्रणाली को जारी रखा है. नई प्रणाली लागू होती तो टैक्स दरें 40 प्रतिशत तक कम हो सकती थीं.
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे "अनुचित और अवैध" करार देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से हस्तक्षेप की मांग की है. उनका कहना है कि टैक्स वसूली की प्रक्रिया को पारदर्शी और जनता के हित में बनाया जाना चाहिए.
₹5,200 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स जुटाने का है लक्ष्य
बीएमसी का लक्ष्य इस साल ₹5,200 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स राजस्व जुटाना है, जो पिछले वर्ष के समान है. लेकिन टैक्स दर में वृद्धि से सामान्य जनता पर आर्थिक बोझ और असंतोष बढ़ा है. नागरिकों के लिए टैक्स भुगतान की अंतिम तारीख 30 जून 2025 रखी गई है. समय पर भुगतान करने पर छूट मिल सकती है, जबकि विलंब पर जुर्माना लगाया जाएगा.
BMC ने नागरिकों से अपील की है कि वे BMC पोर्टल पर जाकर अपनी जानकारी अपडेट करें और KYC प्रक्रिया पूरी करें ताकि उन्हें सही समय पर टैक्स से जुड़ी सूचनाएं प्राप्त हो सकें.
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