सोशल मीडिया कंपनियों ने आईटी नियमों के तहत मानदंडों को पूरा करने में विफल रहने की स्थिति में मुख्य अनुपालन अधिकारी (chief compliance officer) को निजी तौर पर उत्तरदायी ठहराने के प्रावधान पर सख्त ऐतराज जताया है क्योंकि इससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप में वृद्धि हो सकती है. एक स्टडी में यह जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि 2021 के आईटी नियम में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एक मुख्य अनुपालन अधिकारी (CCO) नियुक्त करने को अनिवार्य बताया गया है जो आईटी एक्ट और नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेह होगा.
द डायलॉग और IAMAI की संयुक्त स्टडी के अनुसार, यह प्रावधान एक अनुकूल व्यावसायिक गंतव्य के तौर पर भारत की छवि को प्रभावित कर सकता है और भर्ती की अतिरिक्त चुनौती से बचने और फिर संभावित आपराधिक प्रतिबंध से अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में निवेश करने से रोक सकता है.
गौरतलब है कि इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय ने 2021 के आईटी के नियमों में संशोधन का मसौदा जारी किया है जिसमें उसने एक पैनल को गठित करने का प्रस्ताव किया जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के फैसलों को निरस्त (override) कर सकता है. मंत्रालय ने इस संशोधनों पर हितधारकों से 6 जुलाई तक टिप्पणियां आमंत्रित की है. द डायलाग के फंडिंग डायरेक्टर काजिम रिजवी ने बताया कि यह अध्ययन, Intermediaries से फीडबैक लेने के लिए किया गया था. हम इस फीडबैक के अपाधार पर सरकार के समक्ष प्रस्तुति (submission) देंगे.
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