भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बुधवार को स्पेस मिशन में नया कीर्तिमान रच दिया. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारीभरकम रॉकेट LVM3 M6 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया. इस बाहुबली रॉकेट अमेरिकी के जरिये ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को कक्षा में स्थापित किया गया. इस मिशन के जरिये अगली पीढ़ी के कम्युनिकेशन सैटेलाइट को अंतरिक्ष में तैनात किया गया है. इससे दुनिया भर में स्मार्टफोन को सीधे हाई स्पीड सेलुलर ब्रॉडबैंड की सुविधा मिलेगी. ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 LVM3 रॉकेट के जरिये निचली कक्षा में स्थापित सबसे भारी उपग्रह बना.
#WATCH श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश | ISRO का LVM3 M6 मिशन सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ, जो U.S.-बेस्ड AST SpaceMobile के साथ एक कमर्शियल डील के तहत ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को ऑर्बिट में ले गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 24, 2025
यह मिशन अगली पीढ़ी के कम्युनिकेशन सैटेलाइट को तैनात करेगा, जिसे दुनिया भर में… pic.twitter.com/siSHV3NZsh
इसरो ने 23 मिनट बाद यह घोषणा की कि ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट अलग हो गया है और सफलतापूर्वक निचली कक्षा में स्थापित हो गया है. इसके साथ ही यह मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. एलवीएम3-एम6 रॉकेट ने ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया. यह सबसे बड़ा कॉमर्शियल कम्यूनिकेशन सैटेलाइट है और भारतीय धरती से एलवीएम3 द्वारा लॉन्च किया जाने वाला सबसे भारी पेलोड भी थी.
इस सैटेलाइट के सफल प्रक्षेपण से भारत ने एक बार फिर साबित किया है कि वो भारीभरकम स्पेस मिशन को पूरा करने में सक्षम है. इसरो अंतरिक्ष में अपने अंतरिक्षयात्रियों को भेजने के लिए मिशन गगनयान की तैयारी कर रहा है. इसके लिए अंतरिक्षयात्रियों को ट्रेनिंग के साथ स्पेस शटल के लिए भी तैयारी हो रही है.
640 टन वजन के कारण एलवीएम3-एम6 रॉकेट को बाहुबली नाम दिया गया है. ठीक 8:54 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के सेकेंड लांचिंग पैड से इसने उड़ान भरी. ये इसरो की 101वां सफल मिशन था.
इसरो ने 23 मिनट बाद यह घोषणा की कि ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट अलग हो गया है और सफलतापूर्वक निचली कक्षा में स्थापित हो गया है. इसके साथ ही यह मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है.लाखों लोगों ने लाइव स्ट्रीम के माध्यम से तीन चरणों वाले इस विशालकाय सैटेलाइट (दो S200 सॉलिड बूस्टर, L110 लिक्विड कोर और C25 क्रायोजेनिक अपर कोर) को बिना किसी अड़चन के 520-600 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया.
इसरो प्रमुख ने प्रक्षेपण ने कहा, यह भारत के लिए एक नया मील का पत्थर है, क्योंकि यह भारतीय धरती से प्रक्षेपित अब तक का सबसे भारी उपग्रह है. LVM3 ने अपने सबसे बेहतर प्रदर्शन को जारी रखते हुए 2 किलोमीटर से भी कम के विक्षेपण के साथ वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है.
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