चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद से रोवर 'प्रज्ञान' अपने काम में लगा हुआ है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने रोवर प्रज्ञान का नया वीडियो जारी किया है, जिसमें ये चांद पर रोटेशन करता हुआ दिख रहा है. रोटेशन की ये फोटो लैंडर विक्रम के इमेजर कैमरे ने ली है.
इसरो ने इस वीडियो को शेयर करते हुए बड़ा ही अच्छा कैप्शन दिया है. स्पेस एजेंसी ने लिखा- "प्रज्ञान रोवर चंदा मामा की गोद में अठखेलियां कर रहा है. लैंडर विक्रम उसे (प्रज्ञान को) ऐसे देख रहा है, जैसे मां अपने बच्चे को खेलते हुए प्यार से देखती है. आपको ऐसा नहीं लगता? चंद्रमा से ये लेटेस्ट वीडियो रोवर प्रज्ञान के विक्रम लैंडर की फोटो शेयर करने के एक दिन बाद आया है.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 31, 2023
The rover was rotated in search of a safe route. The rotation was captured by a Lander Imager Camera.
It feels as though a child is playfully frolicking in the yards of Chandamama, while the mother watches affectionately.
Isn't it?🙂 pic.twitter.com/w5FwFZzDMp
इससे पहले चंद्रयान-3 ने चांद पर पहुंचने के पांचवें दिन 28 अगस्त की सुबह पहला और शाम को दूसरा ऑब्जर्वेशन भेजा था. चांद के साउथ पोल पर सल्फर की मौजूदगी के सबूत मिले हैं. वहां सल्फर के अलावा एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी का भी पता चला है.
चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे चास्टे (ChaSTE) पेलोड ने चंद्रमा के तापमान से जुड़ा पहला ऑब्जर्वेशन भेजा था. ChaSTE के मुताबिक, चंद्रमा की सतह और अलग-अलग गहराई पर तापमान में काफी अंतर है.
ISRO ने 23 अगस्त की शाम 6 बजकर 04 मिनट पर चंद्रयान-3 की चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग कराई थी. इसे 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-3 ने 40 दिन में 21 बार पृथ्वी और 120 बार चंद्रमा की परिक्रमा की. चंद्रयान ने चांद तक 3.84 लाख किमी दूरी तय करने के लिए 55 लाख किमी की यात्रा की.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 29, 2023
In-situ scientific experiments continue .....
Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) instrument onboard the Rover unambiguously confirms the presence of Sulphur (S) in the lunar surface near the south pole, through first-ever in-situ measurements.… pic.twitter.com/vDQmByWcSL
रोवर ने बदला अपना रास्ता
चार दिन पहले ISRO ने कहा था कि चंद्र सतह पर एक चार मीटर गहरे क्रेटर के सामने आ जाने के बाद रोवर ने सफलतापूर्वक अपना रास्ता बदल लिया था. ISRO ने बताया कि चंद्रमा के साउथ पोल की सतह पर तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस है. वहीं, 80mm की गहराई में माइनस 10°C तापमान रिकॉर्ड किया गया है.
23 अगस्त को हुई थी लैंडिंग
बता दें कि चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग का 31 अगस्त को आठवां दिन है. रोवर प्रज्ञान ने चांद पर दूसरी बार सल्फर की पुष्टि की है. इसरो ने बताया कि इस बार प्रज्ञान पर लगे अल्फा प्रैक्टिस एक्सरे स्पेक्ट्रोस्कोप (APXS) ने सल्फर होने की पुष्टि की. स्पेस एजेंसी ने ये भी कहा कि अब इस बात खोज कर रहे हैं कि चांद पर सल्फर कहां से आया- आंतरिक (intrinsic), ज्वालामुखीय घटना (volcanic) से या फिर किसी उल्कापिंड (meteoritic) से?
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