पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी ने रविवार को आरोप लगाया कि उनके पति राजनीतिक प्रतिशोध के शिकार बने और उनकी जान को खतरा है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए श्वेता भट्ट ने कहा कि मामले में संजीव भट्ट को दोषी करार दिए जाने के बाद उनके परिवार के लिए यह मुश्किल समय है और ‘इसने उन्हें तोड़ दिया है.' श्वेता भट्ट ने कहा कि उनके पति ने ना तो किसी को गिरफ्तार किया ना ही किसी को हिरासत में लिया क्योंकि उनके पास इतना अधिकार नहीं था. दूसरी बात, प्रभुदास की मौत हिरासत में लिए जाने के 18 दिनों बाद हुई थी. उसने मजिस्ट्रेट या किसी अन्य के सामने प्रताड़ना की शिकायत नहीं की थी. उन्होंने दावा किया, ‘प्रभुदास के परिवार ने नहीं बल्कि विश्व हिंदू परिषद के सदस्य अमृतलाल मदजावजी वैशनानी ने हिरासत में प्रताड़ना की शिकायत की थी.'
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हालांकि दूसरी तरफ, आधिकारिक सूत्रों ने श्वेता भट्ट के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वह झूठ फैला रही हैं और मामले में निष्पक्ष मुकदमे के बारे में गलत धारणा बना रही हैं. संजीव भट्ट को 1990 के हिरासत में मौत के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. मामला प्रभुदास वैशनानी की हिरासत में हुई मौत से जुड़ा है. भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा के मद्देनजर आहूत बंद के पश्चात भड़के सांप्रदायिक दंगे के बाद जामनगर पुलिस ने 133 लोगों को पकड़ा था. वैशनानी भी उनमें शामिल थे. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि मामला गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के जोर देने पर दर्ज किया गया था.
Video: पूर्व IPS संजीव भट्ट को किया गया गिरफ्तार
(इनपुट भाषा से)
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