मध्य प्रदेश के धार जिले में बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर साइकिल चलाकर परीक्षा केंद्र पर ले जाने वाले पिता की कहानी देखकर IPS नवनीत सिकेरा भावुक हो गए. उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए अपने फेसबुक अकाउंट पर 'पिता' शीर्षक का एक पोस्ट शेयर किया. अपने पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए IPS सिकेरा ने बताया कि किस तरीके से उनके पिता उन्हें IIT का एग्जाम दिलाने के लिए साइकिल पर ले गए थे और जब वह भौतिकत वस्तुओं को देखकर असहज हुए तो अपने शब्दों से पिता ने किस तरीके से नवनीत सिकेरा का मनोबल ऊंचा किया था. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा कि कि ये खबर देखी तो आंखे डबडबा गई. अब से कुछ दशक पहले मेरे पिता भी मुझे मांगी हुई साईकल पर बिठा कर IIT का एंट्रेंस एग्जाम दिलाने ले गए थे. उन्होंने बताया कि एग्जाम सेंटर पर बहुत से स्टूडेंट्स कारों से भी आये थे , उनके साथ उनके अभिभावक पूरे मनोयोग से उनकी लास्ट मिनट की तैयारी भी करा रहे थे , मैं ललचाई आंखों से उनकी नई नई किताबों (जो मैंने कभी देखी भी नहीं थी) की ओर देख रहा था और मैं सोचने लगा कि इन लड़कों के सामने मैं कहां टिक पाऊंगा और एक निराशा सी मेरे मन में आने लगी.
साइक्लिस्ट बनने का सपना देखने वाले 9वीं कक्षा के रियाज़ को राष्ट्रपति ने 'ईदी' में दी रेसिंग बाइक
अपने पिता को याद करते हुए वह लिखते हैं कि मेरे पिता ने इस बात को नोटिस कर लिया और मुझे वहां से थोड़ा दूर अलग ले गए और एक शानदार पेप टॉक (उत्साह बढ़ाने वाली बातें) दी. उन्होंने कहा कि इमारत की मजबूती उसकी नींव पर निर्भर करती है नाकि उस पर लटके झाड़ फानूस पर.
मेरठ में तैनात आईजी नवीन सिकेरा ने बताया कि पिता के शब्दों ने जोश से भर दिया. जिसका परिणाम भी दिखाई दिया आगरा के उस सेन्टर से मात्र 2 ही लड़के पास हुए थे जिनमें एक नाम उनका भी था. आईपीएस ने ईश्वर से प्रार्थना है कि इन पिता पुत्र को भी मेहनत का मीठा फल मिले. उन्होंने बताया कि आज मेरे पिता नहीं है हमारे साथ पर उनकी कड़ी मेहनत का फल उनकी सिखलाई हर सीख हर पल मेरे साथ है , और हर पल यही लगता है कि एक बार और मिल जाएं तो जी भर के गले लगा लूं. बताते चलें कि नवनीत सिकेरा इन दिनों मेरठ में बतौर IG पोस्टेड हैं.
बता दें कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले में 105 किलोमीटर साइकल चलाकर मजदूर पिता शोभाराम अपने बच्चे को परीक्षा दिलाने धार स्थित परीक्षा केंद्र पहुंचे. शोभाराम के बेटे आशीष को 10वीं की तीन विषयों की परीक्षा देना है. परीक्षा केंद्र उसके घर से 105 किलोमीटर दूर धार में है. कोरोना महामारी के चलते बसें बंद होने की वजह से शोभाराम अपने बेटे को लेकर सोमवार रात 12 बजे साइकिल से ही निकल पड़े. धार में ठहरने की व्यवस्था न होने से उन्होंने तीन दिन का खाने का सामान भी अपने साथ रख लिया. वे रात में 4 बजे मांडू के भयानक घाट से निकलकर मंगलवार सुबह पेपर शुरू होने से मात्र 15 मिनट पहले 7:45 बजे परीक्षा केंद्र पहुंचे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं