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Cycled 105 Kilometers

'Cycled 105 Kilometers' - 2 News Result(s)
  • मजदूर पिता का संघर्ष देख भावुक हुए IPS नवनीत सिकेरा, अपने संघर्ष के दिनों को किया याद

    मजदूर पिता का संघर्ष देख भावुक हुए IPS नवनीत सिकेरा, अपने संघर्ष के दिनों को किया याद

    अपने पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए IPS सिकेरा ने बताया कि किस तरीके से उनके पिता उन्हें IIT का एग्जाम दिलाने के लिए साइकिल पर ले गए थे और जब वह भौतिकत वस्तुओं को देखकर असहज हुए तो अपने शब्दों से पिता ने किस तरीके से नवनीत सिकेरा का मनोबल ऊंचा किया था. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा कि कि ये खबर देखी तो आंखे डबडबा गई. अब से कुछ दशक पहले मेरे पिता भी मुझे मांगी हुई साईकल पर बिठा कर IIT का एंट्रेंस एग्जाम दिलाने ले गए थे. उन्होंने बताया कि एग्जाम सेंटर पर बहुत से स्टूडेंट्स कारों से भी आये थे , उनके साथ उनके अभिभावक पूरे मनोयोग से उनकी लास्ट मिनट की तैयारी भी करा रहे थे , मैं ललचाई आंखों से उनकी नई नई किताबों (जो मैंने कभी देखी भी नहीं थी) की ओर देख रहा था और मैं सोचने लगा कि इन लड़कों के सामने मैं कहां टिक पाऊंगा और एक निराशा सी मेरे मन में आने लगी. 

  • मजदूर पिता ने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए रात भर में 105 किलोमीटर साइकिल चलाई

    मजदूर पिता ने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए रात भर में 105 किलोमीटर साइकिल चलाई

    मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले में 105 किलोमीटर साइकल चलाकर मजदूर पिता शोभाराम अपने बच्चे को परीक्षा दिलाने धार स्थित परीक्षा केंद्र पहुंचे. प्रदेश में 'रुक जाना नहीं' अभियान के तहत 10वीं और 12वीं परीक्षा में असफल हुए छात्रों को एक और मौका दिया जा रहा है. इसी सिलसिले में मंगलवार को गणित का पेपर था. जिले की मनावर तहसील के शोभाराम के बेटे आशीष को 10वीं की तीन विषयों की परीक्षा देना है. परीक्षा केंद्र उसके घर से 105 किलोमीटर दूर धार में है. कोरोना महामारी के चलते बसें बंद होने की वजह से शोभाराम अपने बेटे को लेकर सोमवार रात 12 बजे साइकिल से ही निकल पड़े.

'Cycled 105 Kilometers' - 2 News Result(s)
  • मजदूर पिता का संघर्ष देख भावुक हुए IPS नवनीत सिकेरा, अपने संघर्ष के दिनों को किया याद

    मजदूर पिता का संघर्ष देख भावुक हुए IPS नवनीत सिकेरा, अपने संघर्ष के दिनों को किया याद

    अपने पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए IPS सिकेरा ने बताया कि किस तरीके से उनके पिता उन्हें IIT का एग्जाम दिलाने के लिए साइकिल पर ले गए थे और जब वह भौतिकत वस्तुओं को देखकर असहज हुए तो अपने शब्दों से पिता ने किस तरीके से नवनीत सिकेरा का मनोबल ऊंचा किया था. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा कि कि ये खबर देखी तो आंखे डबडबा गई. अब से कुछ दशक पहले मेरे पिता भी मुझे मांगी हुई साईकल पर बिठा कर IIT का एंट्रेंस एग्जाम दिलाने ले गए थे. उन्होंने बताया कि एग्जाम सेंटर पर बहुत से स्टूडेंट्स कारों से भी आये थे , उनके साथ उनके अभिभावक पूरे मनोयोग से उनकी लास्ट मिनट की तैयारी भी करा रहे थे , मैं ललचाई आंखों से उनकी नई नई किताबों (जो मैंने कभी देखी भी नहीं थी) की ओर देख रहा था और मैं सोचने लगा कि इन लड़कों के सामने मैं कहां टिक पाऊंगा और एक निराशा सी मेरे मन में आने लगी. 

  • मजदूर पिता ने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए रात भर में 105 किलोमीटर साइकिल चलाई

    मजदूर पिता ने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए रात भर में 105 किलोमीटर साइकिल चलाई

    मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले में 105 किलोमीटर साइकल चलाकर मजदूर पिता शोभाराम अपने बच्चे को परीक्षा दिलाने धार स्थित परीक्षा केंद्र पहुंचे. प्रदेश में 'रुक जाना नहीं' अभियान के तहत 10वीं और 12वीं परीक्षा में असफल हुए छात्रों को एक और मौका दिया जा रहा है. इसी सिलसिले में मंगलवार को गणित का पेपर था. जिले की मनावर तहसील के शोभाराम के बेटे आशीष को 10वीं की तीन विषयों की परीक्षा देना है. परीक्षा केंद्र उसके घर से 105 किलोमीटर दूर धार में है. कोरोना महामारी के चलते बसें बंद होने की वजह से शोभाराम अपने बेटे को लेकर सोमवार रात 12 बजे साइकिल से ही निकल पड़े.