कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट (omicron variant) को लेकर उपजे खतरे के बाद सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भारत आने से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं. इसको लेकर संशोधित गाइडलाइन रात 12 बजे के बाद यानी 1 दिसंबर से प्रभावी हो गए हैं. सूत्रों का कहना है कि नए नियमों के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport ) पर यात्रियों को 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ सकता है. जोखिम वाली श्रेणी में रखे गए देशों से आने वाले यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर जांच अनिवार्य कर दिया गया है.
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सूत्रों का कहना है कि ऐसे यात्रियों को उनके आरटीपीसीआर टेस्ट के परिणाम के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक यात्री के कोविड टेस्ट का परिणाम (Covid test results) आने में 4 से 6 घंटे लग सकते हैं. एयरपोर्ट पर कोरोना का आरटीपीसीआर टेस्ट (RTPCR test) करने वाली कंपनी एक घंटे में 400-500 टेस्ट कर सकती हैं. लेकिन जांच क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि जोखिम वाले श्रेणी में रखे गए देशों से आने वाले यात्रियों को सात दिन के लिए अनिवार्य तौर पर क्वारंटाइन में रखना पड़ेगा. उन्हें इस दौरान दूसरे, चौथे और सातवें दिन आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराना पड़ेगा.
From Dec 1, arriving pax from high-risk countries will be segregated from pax arriving from low-risk countries. Adequate RT-PCR testing facility in int'l arrivals in form of 48 registration counters & 40 sampling booths: Chhatrapati Shivaji Maharaj International Airport, Mumbai
— ANI (@ANI) November 30, 2021
यूरोप से दिल्ली की सीधी फ्लाइट 8.5 घंटे की है और फ्लाइट पकड़ने के पहले दो घंटे एयरपोर्ट को जोड़ दें. दिल्ली एय़रपोर्ट पर टेस्ट के लिए छह घंटे और लगेज पाने की खातिर कस्टम और इमिग्रेशन में एक घंटे का वक्त जोड़ दें तो यात्रियों का लंबा वक्त हवाई अड्डे पर बिताना पड़ सकता है. ऐसे में मंजिल के लिए निकलने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर आने के लिए 17 घंटे का वक्त लग सकता है.
अगर मध्य पूर्व से कनेक्टिंग फ्लाइट है तो 2.5 घंटे का समय और लग सकता है और ऐसे में यह समय बढ़कर 19.5 घंटे हो सकता है. कनेक्टिंग फ्लाइट में ठहराव 6 घंटे तक का हो सकता है. ऐसे में कुछ यात्रियों के लिए यात्रा का कुल समय 24 घंटे तक का वक्त लग सकता है.
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अभी तक यूरोप के सभी यात्री, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल से आने वाले यात्रियों का एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर टेस्ट कराना जरूरी होगा. अन्य देशों के यात्रियों से भी 5 फीसदी का रैंडम आधार पर टेस्ट कराया जाएगा.
इन सभी देशों के यात्रियों को हवाई अड्डे पर लंबा इंतजार करना पड़ना सकता है. अभी तक यह तय नहीं है कि टेस्टिंग के कितने काउंटर बनाए जाएंगे. वीडियो में आज दिखाया गया कि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कैसी तैयारियां हो रही हैं. हवाई अड्डे पर आगमन के बाद आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कुर्सियों की लंबी कतार बनाई गई है.
गौरतलब है कि ओमिक्रॉन वायरस के खतरे को भांपते हुए सरकार ने विदेश यात्रियों के लिए स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के नियम कड़े कर दिए हैं. स्ट्रेन के बारे में अभी ज्यादा कुछ सामने नहीं आया है. भारत में इसका कोई केस भी नहीं मिला है. हालांकि ब्रिटेन,बेल्जियम, समेत तमाम देशों में इससे संक्रमित मरीज मिल चुके हैं.
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