इजरायल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की जान के संभावित खतरे को लेकर खुफिया जानकारी साझा की थी, ये दावा विदेशी सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ नमित वर्मा ने किया है. उन्होंने ये भी दावा किया कि साल 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद ये अहम ख़ुफ़िया जानकारी ग़ायब हो गई. सिक्योरिटी एक्सपर्ट नमित वर्मा का कहना है कि वह अहम खुफ़िया जानकारी या तो गुम हो गई, या हटा दी गई या उसका जो कुछ भी हुआ.
नमित वर्मा ने कहा कि पिछले तीन-चार दशक में, इज़रायल ने भारत के साथ जिस सबसे अहम जानकारी को साझा किया था, वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जीवन पर संभावित ख़तरे से जुड़ी हुई थी. आखिरकार, जैसे ही हालात बने, खतरा साकार हो गया और जब वह नहीं रहे, तो राजनीतिक व्यवस्थाएं बहुत अलग हो गईं.
सुरक्षा विशेषज्ञ का बड़ा दावा
नमित वर्मा ने इजरायल की खुफिया जानकारी वाली बात Usanas फाउंडेशन की तरफ़ से आयोजित 'इंटेलिजेंस कोऑपरेशन एंड सिक्योरिटी चैलेंजेज इन द' शीर्षक पर चर्चा के दौरान कही. Usanas फाउंडेशन के फाउंडर अभिनव पांडे के मुताबिक, नमित वर्मा पिछले कई दशक से ग्लोबल जीयो पॉलिटिक्स और सुरक्षा मामलों के एक्सपर्ट रहे हैं... वहीं उन्होंने ये भी बताया कि नमित वर्मा सरकार के साथ सुरक्षा और विदेश नीति के मुद्दे पर काम करते रहे हैं. वह विदेशी सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ हैं.
नमित वर्मा ने सुरक्षा मामलों पर किया काम
नमित वर्मा चर्चा के दौरान कहा, "राष्ट्रों को दिन-प्रतिदिन के आधार पर एक-दूसरे के साथ काम करना पड़ता था. ऐसी स्थिति पैदा हुई जहां खुफिया जानकारी का वह खास हिस्सा गलत जगह पर चला गया, हटा दिया गया या कुछ भी हो गया. कार्यक्रम के होस्ट और उसानास के संस्थापक अभिनव पंड्या के मुताबिक, नमित वर्मा दशकों से "सुरक्षा मामलों में विशेषज्ञता के साथ वैश्विक भू-राजनीति के विशेषज्ञ" रहे हैं. उन्होंने "सुरक्षा और विदेश नीति के विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों पर सरकार के साथ मिलकर काम किया है."
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