
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 29 मई को गोवा में थे. यहां पर उन्होंने गोवा में आईएनएसवी तारिणी के फ्लैग-इन समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और पीओके में आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा की गई प्रभावी कार्रवाई में महिला पायलटों और अन्य महिला सैनिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.' रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि जब से सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, उन्होंने हर भूमिका में असाधारण प्रदर्शन किया है और हर जिम्मेदारी को पूरा किया है.
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि सियाचिन की ऊंचाइयों से लेकर समुद्र की गहराइयों तक भारतीय महिलाएं कई जिम्मेदारियां निभा रही हैं. इससे देश का सुरक्षा घेरा और मजबूत हुआ है. आज सैनिक स्कूलों के दरवाजे लड़कियों के लिए खुले हैं और इस महीने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से 17 महिलाएं पास आउट हो रही हैं. ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों की हर शाखा में महिलाओं की सक्रिय और प्रभावी भागीदारी देखी गई.
भारतीय नौसेना की दो बहादुर महिला अधिकारी - लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए - 'नाविका सागर परिक्रमा II' को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद घर लौटीं हैं. रक्षा मंत्री ने ऐतिहासिक परिक्रमा अभियान को पूरा करने में उनके साहस, प्रतिबद्धता और धीरज की सराहना की. उन्होंने उनकी यात्रा को नारी शक्ति का प्रतीक बताया.
अभियान के दूसरे संस्करण में, यह जोड़ी भारत से ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय बन गई है. अधिकारियों ने आठ महीने की अवधि में 25,600 समुद्री मील की दूरी तय की, जिसमें फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनली (फॉकलैंड द्वीप) और केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) के बंदरगाह शामिल हैं.
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