
India's 5 Big Steps Against Pakistan: पलहगाम आतंकी हमले के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम को कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी गई. इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं.
कश्मीर के चुनाव और विकास से पाकिस्तान को चिढ़
बैठक में यह बताया गया कि इस हमले के पीछे सीमा पार की साजिशें हैं. यह हमला उस समय हुआ, जब केंद्रशासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न हुए थे और क्षेत्र आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है. हमले की गंभीरता को देखते हुए CCS ने कई कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया और पाकिस्तान को साफ संदेश दिया.
आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं होने तक सिंधु जल संधि स्थगित
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने बताया कि सिंधु जल संधि (1960) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. यह संधि तभी बहाल की जाएगी, जब पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना बंद कर देगा.
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— NDTV India (@ndtvindia) April 23, 2025
अटारी बॉर्डर बंद होने से भारत आना होगा बंद
अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है, जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ इस मार्ग से भारत आए हैं, वे 1 मई से पहले लौट सकते हैं. इसके साथ ही, विदेश मंत्रालय ने कहा कि सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
पाकिस्तान उच्चायोग के सलाहकारों को भारत छोड़ना होगा
वहीं, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को 'अवांछित व्यक्ति' घोषित किया गया है. उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा. इसी तरह भारत भी इस्लामाबाद में स्थित अपने सैन्य सलाहकारों और 5 सहायक कर्मचारियों को वापस बुलाएगा.
पहलगाम हमले पर भारत को मिला दुनिया भर का साथ
इसके साथ ही बताया गया कि सीसीएस ने इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की. दुनियाभर की कई सरकारों ने इस हमले की निंदा करते हुए भारत के प्रति समर्थन और एकजुटता जताई है, जिसे सीसीएस ने सराहा.
तहव्वुर राणा जैसे लोगों को पकड़ने में लगा रहेगा भारत
सीसीएस ने देश की समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी सुरक्षा बलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया. समिति ने दोहराया कि इस आतंकी हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और उनके संरक्षकों को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा. जैसे भारत ने हाल ही में ताहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में सफलता पाई है, वैसे ही भारत आतंक के हर सूत्रधार को पकड़ने के लिए अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
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