भारत का चीनी App पर रोक का कदम चीन द्वारा सीमा पर की गई कार्रवाई एक प्रभावी जवाब है. दक्षिण एशिया पर अमेरिका के एक जाने-माने विशेषज्ञ ने यह राय जताई है. भारत ने सोमवार को चीन से संबंधित 59 ऐप को देश की संप्रभुता तथा अखंडता के लिए खतरा बताते हुए उन पर रोक लगा दी थी. भारत द्वारा चीन की जिन ऐप पर रोक लगाई गई है उनमें टिकटॉक और यूसी ब्राउजर भी शामिल हैं, जो भारत में काफी लोकप्रिय हैं. पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा विवाद के बीच यह रोक लगाई है.
प्रतिष्ठित शोध संस्थान हेरिटेज इंस्टिट्यूट के दक्षिण एशिया पर रिसर्च फेलो जेफ स्मिथ ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जो उकसाने वाली कार्रवाई की गई है, भारत सरकार उस पर जवाब देने का इंतजार कर रही थी. उन्होंने चीन के प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर चोट कर जवाब दिया है। पहले से ही चीन के प्रौद्योगिकी क्षेत्र द्वारा जासूसी और किसी देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम को लेकर आशंका जताई जा रही है. हालांकि, स्मिथ ने कहा कि अमेरिका में इसको लेकर कुछ चिंता है. कुछ लोगों का मानना है कि यह एक बड़े आर्थिक राष्ट्रवाद में बदल जाएगा, और इसका इस्तेमाल व्यापार और निवेश पर बड़े अंकुश लगाने के लिए किया जाएगा. या फिर इसका इस्तेमाल अमेरिका की कंपनियों के खिलाफ भी हो सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यदि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर चीन को लक्षित कर उठाया गया है, तो यह सीमा पर चीन द्वारा की गई कार्रवाई पर ‘लागत' लगाने का प्रभावी तरीका है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो पहले ही भारत के इस कदम का ‘समर्थन' कर चुके हैं.
Video: चीन में विदेशी कंपनियों से भेदभाव
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