विज्ञापन
This Article is From Sep 01, 2020

भारतीय वैज्ञानिकों ने बिना लक्षण वाले मरीजों में कोरोनावायरस की अधिक मात्रा का पता लगाया

भारतीय वैज्ञानिकों ने कोविड-19 (COVID-19) के बिना लक्षण वाले मरीजों तथा किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में वायरस की मात्रा के बीच एक कड़ी होने का पता लगाया है.

भारतीय वैज्ञानिकों ने बिना लक्षण वाले मरीजों में कोरोनावायरस की अधिक मात्रा का पता लगाया
देश में कोरोना के मामले हर रोज बढ़ रहे हैं. (फाइल फोटो)
हैदराबाद:

भारतीय वैज्ञानिकों ने कोविड-19 (COVID-19) के बिना लक्षण वाले मरीजों तथा किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में वायरस की मात्रा के बीच एक कड़ी होने का पता लगाया है. तेलंगाना (Telangana) में कोविड-19 के 200 से अधिक रोगियों पर हुए अध्ययन में यह बात सामने आई, जो नीति निर्माताओं को नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण फैलने के बारे में बेहतर जानकारी दे सकती है. हैदराबाद में सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (CDFD) के वैज्ञानिकों समेत अन्य अनुसंधानकर्ताओं ने बिना लक्षण वाले मरीजों के प्राथमिक और द्वितीय स्तर के संपर्कों का पता लगाकर उनकी जांच कराने और फिर उन पर निगरानी रखने की सलाह दी है.

सीडीएफडी की लैबोरेटरी ऑफ मॉलिक्यूलर ओंकोलॉजी से मुरली धरण बश्याम ने कहा, ‘‘बिना लक्षण वाले रोगियों से संक्रमण की आशंका समझना या ऐसा समझ लें कि जिन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है, उनसे संक्रमण ऐसे लोगों में फैलना जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी मजबूत नहीं है तो मृत्यु दर बढ़ने का खतरा होता है.'' अध्ययन के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रतिरक्षा विज्ञानी सत्यजीत रथ ने कहा कि वह बिना लक्षण वाले लोगों में वायरस की मात्रा (वायरल लोड) अधिक होने का पता चलने से थोड़े हैरान हैं.

JEE Main 2020: कोरोना के बीच जेईई परीक्षा, इस तरह कलेक्ट किए गए छात्रों के एडमिट कार्ड और पेपर

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि तेलंगाना में अप्रैल के दूसरे सप्ताह से संक्रमण के मामलों में असामान्य तरीके से तेजी से इजाफा हुआ है. मंगलवार को राज्य में संक्रमण के 2,734 नये मामले आये वहीं नौ लोगों की इससे मौत हो गयी. वैज्ञानिकों के अनुसार मई अंत से जुलाई तक एकत्रित नमूने पहले इकट्ठे किये गये नमूनों की तुलना में बिना लक्षण वाले मरीजों के अधिक अनुपात को इंगित करते हैं.

दिल्ली में सीरो सर्वे का तीसरा चरण आज से, वार्ड स्तर पर लिए जाएंगे सैंपल : सत्येंद्र जैन

अध्ययन में सामने आया कि लक्षण वाले संक्रमण के मामलों का संबंध बिना लक्षण वाले मामलों की तुलना में अधिक सीटी मूल्य से यानी वायरस की कम मात्रा (वायरस लोड) से है. रीयल टाइम पीसीआर जांच में एक चमकदार सिग्नल से परिणाम पता चलता है और सीटी (साइकिल थ्रेशोल्ड) मूल्य उस चमकदार सिग्नल को एक सीमा को पार करने के लिए जरूरी चक्करों की संख्या है.

VIDEO: कोवैक्सीन पूरी तरह से भारतीय, शुरुआती ट्रायल में सुरक्षित पाई गई है : रणदीप गुलेरिया

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: