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This Article is From Apr 18, 2023

भारतीय रेलवे को लेट लतीफी से बड़ा नुकसान, साल भर में 2.74 लाख ट्रेनों ने गंवाए 51 साल

रेल मंत्रालय ने बताया कि भारत की सबसे अधिक गति से दौड़ने वाली 'वंदे भारत एक्सप्रेस' ट्रेन की औसत रफ्तार 2021-22 में 84.48 किमी प्रति घंटे और 2022-23 में 81.38 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई.

भारतीय रेलवे को लेट लतीफी से बड़ा नुकसान, साल भर में 2.74 लाख ट्रेनों ने गंवाए 51 साल
वंदे भारत ट्रेनों की औसत रफ्तार साल 2022-23 में 81 किमी प्रति घंटा रही है. (प्रतीकात्‍मक)
नई दिल्ली:

भारतीय रेलवे (Indian Railways) अपने यात्रियों के सफर को सुविधाजनक और बेहतर बनाने के लिए अक्सर नियमों में बदलाव करता रहता है. लेकिन इसके बावजूद देश में ट्रेनों के देरी से चलने की समस्या आम है. देश में इन दिनों वंदे भारत एक्‍सप्रेस (Vande Bharat Express) सुर्खियों में है. दावा है कि यह 160 से 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है, लेकिन पिछले दो सालों में क्‍या ऐसा हुआ है? सूचना के अधिकार से मिले आंकड़े वंदे भारत के साथ ही देश की विभिन्‍न ट्रेनों के बारे में चौंकाने वाले खुलासे करते हैं.  

वंदे भारत देश की सबसे तेजी से दौड़ने वाली ट्रेन है. दावा है कि मौजूदा वक्‍त में भी यह 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है, लेकिन हकीकत खुद रेलवे ने सूचना के अधिकार के तहत बताई है. 

देश की प्रमुख ट्रेनों की औसत रफ्तार 

रेल मंत्रालय ने बताया है कि भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली वंदे भारत एक्‍सप्रेस ट्रेन 2021-22 में लगभग 84 किमी प्रति घंटे और 2022-23 में 81 किमी प्रति घंटे की औसत रफ्तार से दौड़ी है. इस अवधि यानी 2021-22 में राजधानी एक्‍सप्रेस की औसत रफ्तार 71 किमी प्रति घंटा, शताब्‍दी की करीब 72 किमी प्रति घंटा, दुरंतो की 69 किमी प्रति घंटा, तेजस की 75 किमी प्रति घंटा से ज्‍यादा रफ्तार रही है. जबकि मेल एक्‍सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार 53 किमी प्रति घंटे की रफ्तार रही. वहीं 2022-23 में राजधानी की औसत रफ्तार 71 किमी प्रति घंटा, शताब्‍दी की 69 किमी प्रति घंटा, दुरंतो की 67 किमी प्रति घंटा और तेजस की 73 किमी प्रति घंटा रही, जबकि मेल एक्‍सप्रेस ट्रेनों की 51 किमी प्रति घंटा रफ्तार रही है. 

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आरटीआई से मिली जानकारी 

इसको लेकर नीमच में रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर ने सूचना के अधिकार के तहत लेट हुई ट्रेनों के बारे में जानकारी मांगी थी. उन्‍होंने कहा कि वंदे भारत के बारे में कई बातें होती रही हैं. कई मीडिया रिपोर्ट में इसकी गति 130 तो कहीं पर 160 किमी प्रति घंटे बताई गई. जिसके बाद मन में यह जानने की उत्‍सुकता हुई कि भारतीय ट्रेनों की औसत गति क्‍या है. 

ढाई लाख से ज्‍यादा ट्रेनें लेट 

रेल मंत्रालय (Rail Ministry) ने बताया कि साल 2022-23 में कुल 2,74,587 ट्रेनें लेट हुईं, जिसमें लगभग 4,46,206 घंटे का समय  बर्बाद हुआ. इसे हर दिन के हिसाब से देखें तो इन ट्रेनों के लेट होने से 18,591 दिनों का समय खराब हुआ. इस तरह  रेलवे ने लेटलतीफ़ी के चलते पूरे एक साल में 50 साल से ज्‍यादा का वक्‍त गंवा दिया.  

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