लंदन की अदालत में भगोड़े विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर शुरू सुनवाई में भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि विजय माल्या ने बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने के बाद धोखधड़ी की है. माल्या ने इस रुपयों को किंगफिशर के नाम पर लिया था और खर्च कर दिए मोटर रेसिंग और बच्चों पर खर्च कर दिए. इतना ही नहीं उन्होंने इन्हीं पैसे से दो कारपोरेट जेट भी किराए में लिए जिनका वह निजी तौर पर इस्तेमाल करते थे.
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आपको बता दें कि भारत में 9,000 करोड़ रुपये की कर्ज धोखाधड़ी तथा मनी लांड्रिंग मामले में वांछित शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ सोमवार को ब्रिटेन की अदालत में प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई शुरू हुई है. भारत सरकार की ओर से जोर देकर कहा गया कि माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला है जिसमें उन्हें जवाब देना है.
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सुनवाई के दौरा ही आग लगने की चेतावनी को लेकर एलार्म बजने के कारण अदालत कक्ष को कुछ समय के लिये खाली करना पड़ा. इस दौरान माल्या और अन्य वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के बाहर खड़े रहे. इसके बाद मामले में सुनवाई शुरू करते हुये भारत सरकार की तरफ से पैरवी कर रही क्राउन प्रोस्क्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने अपनी दलीलें रखी. यह मामला माल्या की पूर्व कंपनी किंगिफशर एयरलाइंस द्वारा बैंकों के समूह से लिये गये करीब 2,000 करोड़ रुपये के कर्ज पर केंद्रित रहा.
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सीपीएस ने स्वीकार किया कि बैंकों द्वारा कर्ज की मंजूरी देते समय आंतरिक प्रक्रियाओं में हो सकता है कुछ अनियमितताएं रही हों लेकिन इस मुद्दे से भारत में बाद में निपटा जाएगा. वकील मार्क समर्स ने कहा, ‘‘मामले में जोर माल्या के आचरण तथा बैंकों को गुमराह करने एवं कर्ज राशि के दुरूपयोग पर है.’’ भारत से इस दौरान केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय की चार सदस्यीय टीम भी अदालत में पहुंची थी. प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई में पीठासीन न्यायाधीश एम्मा लुइस अर्बथनॉट हैं. यह सुनवाई 14 दिसंबर तक चलेगी. इसमें छह और आठ दिसंबर को छुट्टी रहेगी.
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