
आईटी फर्म टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) ने वडोदरा निवासी अपने एक कर्मचारी को कतर में हिरासत में लिए जाने को लेकर बयान दिया है. इसमें टेक महिंद्रा की ओर से कहा गया है कि वह अपने कर्मचारी के परिवार के साथ "निकट संपर्क" में है. उनके कर्मचारी को कथित तौर पर चल रही जांच के सिलसिले में कतर में हिरासत में लिया गया है. अमित गुप्ता फर्म के एक वरिष्ठ कर्मचारी हैं. गुजरात के वडोदरा में रहने वाले उनके परिवार ने आरोप लगाया है कि अमित गुप्ता को एक जनवरी को दोहा में अधिकारियों ने हिरासत में लिया था.
हम परिवार के निकट संपर्क में: टेक महिंद्रा
टेक महिंद्रा के प्रवक्ता ने NDTV को बताया, "हम परिवार के साथ निकट संपर्क में हैं, उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं. हम दोनों देशों के अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से कॉर्डिनेशन कर रहे हैं और उचित प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं. हमारे सहकर्मी के हित सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है."
गुप्ता को कथित तौर पर डेटा चोरी करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है. हालांकि उनके परिवार ने कहा कि वह निर्दोष हैं और उन पर डेटा चोरी का झूठा आरोप लगाया गया है.
48 घंटे बिना भोजन-पानी के रखा: पुष्पा गुप्ता
उनकी मां पुष्पा गुप्ता ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, "अमित गुप्ता को एक जनवरी को हिरासत में लिया गया था और 48 घंटे तक बिना भोजन या पानी के रखा गया था. उसके बाद उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया गया और अब तीन महीने हो गए हैं तब से ही वे दोहा में हिरासत में हैं. उन्हें हिरासत में लिए जाने का कारण अभी पता नहीं है."
इसके साथ ही उनकी मां ने कहा, "कंपनी में किसी ने कुछ गलत किया होगा और चूंकि वे कंट्री मैनेजर हैं, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया है."
हिरासत में होने की इस तरह से मिली सूचना
गुप्ता की मां ने कहा कि जब उनके बेटे ने दो दिनों तक फोन नहीं उठाया तो इस बारे में उन्हें उसके दोस्त से पता चला. उन्होंने यह भी कहा कि वे दोहा गई थीं और उनसे आधे घंटे तक मुलाकात की थी. पुष्पा गुप्ता ने कहा कि उन्होंने मदद के लिए वडोदरा के सांसद हेमंग जोशी से भी मुलाकात की थी, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि वे सरकार के समक्ष इस मामले को उठाएंगे.
सूत्रों के अनुसार, कतर में भारतीय दूतावास को उनकी हिरासत के बारे में पता है.
उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, गुप्ता वर्तमान में टेक महिंद्रा के रीजन हेड (कतर और कुवैत) हैं.
2022 के बाद इस तरह का यह दूसरा मामला
कतर में किसी भारतीय को हिरासत में लेने से जुड़ा यह 2022 के बाद से दूसरा मामला है. उच्च पदस्थ अधिकारियों सहित आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को 2022 में हिरासत में लिया गया और बाद में 2023 में मौत की सजा सुनाई गई थी. बाद में कतर की एक अदालत ने उनकी सजा कम कर दी थी और फरवरी 2024 में कतर के अमीर के आदेश पर उन्हें रिहा कर दिया गया था.
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