कोलकाता:
भारतीय वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने शनिवार को कहा कि भारत को फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप अगले तीन साल में मिलेगी.
राहा ने यहां एक बयान में कहा, 'यदि मैं गलत नहीं हूं तो राफेल के अनुबंध के तहत आपूर्ति में 36 महीने से लेकर 66 महीने तक का वक्त लग सकता है. ऐसे में तीन साल के भीतर विमानों की पहली खेप हमें मिलेगी और साढ़े पांच साल के भीतर हमारे पास इस विमान के दो पूरे स्क्वाड्रन परिचालन योग्य होंगे'. उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता और नवीनतम मिसाइलों से लैस इन लड़ाकू विमानों से बल की क्षमता में जबर्दस्त इजाफा होगा.
लड़ाकू विमानों की क्षमता में आ रही कमी के बारे में उन्होंने कहा कि राफेल के अलावा भारत बड़ी संख्या में हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस का उत्पादन करने जा रहा है.
राहा ने कहा, 'उत्पादन बढ़ाने की कोशिशें की जा रही हैं. हम जितना ज्यादा विमान का उत्पादन करेंगे, उतनी ही तेजी से क्षमता में इजाफा होगा ताकि बेकार और पुराने पड़ चुके विमानों से पैदा हुए अंतर को पाटा जा सके'. भारतीय वायुसेना ने यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के सामने एक ऐसे मिग-27 लड़ाकू विमान को प्रदर्शनी के लिए रखा है, जिसका इस्तेमाल अब नहीं किया जा रहा. एयर चीफ मार्शल ने इस विमान की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.
उन्होंने कहा कि सरकार अंतर को तेजी से पाटने के लिए एक अन्य लड़ाकू विमान खरीदने पर भी विचार कर रही है.
भारत-रूस पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान पर राहा ने कहा कि वे अनुसंधान एवं विकास पर रूस के साथ पहले से काम कर रहे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राहा ने यहां एक बयान में कहा, 'यदि मैं गलत नहीं हूं तो राफेल के अनुबंध के तहत आपूर्ति में 36 महीने से लेकर 66 महीने तक का वक्त लग सकता है. ऐसे में तीन साल के भीतर विमानों की पहली खेप हमें मिलेगी और साढ़े पांच साल के भीतर हमारे पास इस विमान के दो पूरे स्क्वाड्रन परिचालन योग्य होंगे'. उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता और नवीनतम मिसाइलों से लैस इन लड़ाकू विमानों से बल की क्षमता में जबर्दस्त इजाफा होगा.
लड़ाकू विमानों की क्षमता में आ रही कमी के बारे में उन्होंने कहा कि राफेल के अलावा भारत बड़ी संख्या में हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस का उत्पादन करने जा रहा है.
राहा ने कहा, 'उत्पादन बढ़ाने की कोशिशें की जा रही हैं. हम जितना ज्यादा विमान का उत्पादन करेंगे, उतनी ही तेजी से क्षमता में इजाफा होगा ताकि बेकार और पुराने पड़ चुके विमानों से पैदा हुए अंतर को पाटा जा सके'. भारतीय वायुसेना ने यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के सामने एक ऐसे मिग-27 लड़ाकू विमान को प्रदर्शनी के लिए रखा है, जिसका इस्तेमाल अब नहीं किया जा रहा. एयर चीफ मार्शल ने इस विमान की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.
उन्होंने कहा कि सरकार अंतर को तेजी से पाटने के लिए एक अन्य लड़ाकू विमान खरीदने पर भी विचार कर रही है.
भारत-रूस पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान पर राहा ने कहा कि वे अनुसंधान एवं विकास पर रूस के साथ पहले से काम कर रहे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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