भारत ने सभी जी20 देशों को भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और उनकी संपत्तियों की वसूली के तहत व्यापक तरीके और कुशलता से निपटने के लिए सक्रिय रूप से सहयोग करने का सुझाव दिया है. जी20 देशों को सुझाए गए नौ सूत्री एजेंडे में, भारत ने कहा है कि सदस्य देशों को एक ऐसा तंत्र बनाना चाहिए जिसके तहत सभी भगोड़े आर्थिक अपराधियों को प्रवेश और सुरक्षित पनाहगाह नहीं दी जाए.
कोलकाता में 12 अगस्त को आयोजित जी20 भ्रष्टाचार रोधी मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद जी20 देशों को दिए गए सरकार द्वारा तैयार एक दस्तावेज के अनुसार, भगोड़े आर्थिक अपराधियों से व्यापक रूप से और कुशलता से निपटने के लिए समूह के देशों के बीच मजबूत और सक्रिय सहयोग होना चाहिए.
इसमें कहा गया है कि अपराध से प्राप्त आय को प्रभावी ढंग से रोकने, अपराधियों की शीघ्र वापसी और अपराध से प्राप्त धन की प्रभावी तरीके से वापसी जैसी कानूनी प्रक्रियाओं में सहयोग को बढ़ाया और सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए.
दस्तावेज के अनुसार, भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र समझौता (यूएनसीएसी), अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र समझौता (यूएनओटीसी) के विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संबंधित सिद्धांतों को पूरी तरह और प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए.
भारत ने सुझाव दिया है कि धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में वैश्विक निगरानी संस्था ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल' (एफएटीएफ) का अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्थापित करने पर प्राथमिकता देने और ध्यान केंद्रित करने के लिए आह्वान किया जाना चाहिए, जिससे सक्षम लोगों और वित्तीय खुफिया इकाइयों के बीच सूचनाओं का समय पर और व्यापक आदान-प्रदान हो सके.
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