प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
चीन को घेरने की रणनीति पर काम शुरू हो चुका है वह भी उसके ही पड़ोसी मंगोलिया के जरिए। अभ्यास नोमेडिक एलीफेंट यानि कि घूमंतु हाथी के नाम पर दोनों देशों की थल सेना ने मंगोलिया की राजधानी उलनबटोर के पास 14 दिनों तक अभ्यास किया। अभ्यास के लिए थल सेना के मेजर वरुण सिंघल की अगुवाई में 40 सैनिकों की टीम गई, तो मंगोलिया से उनके स्पेशल फोर्स के मेजर गेल बदरक की अगुवाई में 60 सैनिकों ने हिस्सा लिया।
आतंकियों से निपटने की ट्रेनिंग
अभ्यास में जोर इस बात पर था कि अगर शहरी इलाके में किसी घर में आतंकी किसी को कब्जे में लेते हैं तो उसे कैसे छुड़ाया जाए। जंगली इलाके में कैसे अपने आपको सुरक्षित रखा जाए। दोनों देश की सेनाओं ने एक-दूसरे को अपने गुर बताए। दोनों देश की सेनाएं संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में कई जगहों पर मिलकर काम करती हैं।
गुवाहाटी से मंगोलिया आठ घंटे में
खास बात यह भी कि गुवाहाटी से मंगोलिया भारतीय सैनिक सीधे आठ घंटे में वायुसेना के ट्रांसपोर्ट विमान सी 130 से नॉन स्टॉप गए। इस तरह लंबी दूरी तक बिना रुके उड़ान भरने वाले विमान चीन के पास नहीं हैं। संकेत साफ है कि जरूरत पड़ने पर ऐसी सामरिक पहुंच का इस्तेमाल चीन के खिलाफ भी भारत कर सकता है। इतना ही नहीं भारतीय सेना ने तो मंगोलिया में सैन्य अभ्यास उनके ही हथियार से किया।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब मंगोलिया गए थे तो उसे भारत की रणनीतिक साझेदारी वाला देश कहा था और उसके बाद हुए इस साझा अभ्यास के खासे मायने हैं। गौरतलब है कि मंगोलिया के शासक चंगेज खान के नाम से एशियाई देशों में अभी भी लोग खौफ खाते हैं। उनकी युद्ध कला का लोहा अब भी माना जाता है।
आतंकियों से निपटने की ट्रेनिंग
अभ्यास में जोर इस बात पर था कि अगर शहरी इलाके में किसी घर में आतंकी किसी को कब्जे में लेते हैं तो उसे कैसे छुड़ाया जाए। जंगली इलाके में कैसे अपने आपको सुरक्षित रखा जाए। दोनों देश की सेनाओं ने एक-दूसरे को अपने गुर बताए। दोनों देश की सेनाएं संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में कई जगहों पर मिलकर काम करती हैं।
गुवाहाटी से मंगोलिया आठ घंटे में
खास बात यह भी कि गुवाहाटी से मंगोलिया भारतीय सैनिक सीधे आठ घंटे में वायुसेना के ट्रांसपोर्ट विमान सी 130 से नॉन स्टॉप गए। इस तरह लंबी दूरी तक बिना रुके उड़ान भरने वाले विमान चीन के पास नहीं हैं। संकेत साफ है कि जरूरत पड़ने पर ऐसी सामरिक पहुंच का इस्तेमाल चीन के खिलाफ भी भारत कर सकता है। इतना ही नहीं भारतीय सेना ने तो मंगोलिया में सैन्य अभ्यास उनके ही हथियार से किया।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब मंगोलिया गए थे तो उसे भारत की रणनीतिक साझेदारी वाला देश कहा था और उसके बाद हुए इस साझा अभ्यास के खासे मायने हैं। गौरतलब है कि मंगोलिया के शासक चंगेज खान के नाम से एशियाई देशों में अभी भी लोग खौफ खाते हैं। उनकी युद्ध कला का लोहा अब भी माना जाता है।
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