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This Article is From Feb 13, 2024

भारत उच्चतम संभावित वृद्धि दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाः नोबल सम्मानित अर्थशास्त्री

जाने-माने अर्थशास्त्री ने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद मानव कल्याण बढ़ाने के लिए जवाबी कदम होने से आशावाद पनपता है. उन्होंने ‘जनरेटिव एआई’, जैव-चिकित्सकीय जीवन विज्ञान में क्रांति और बड़े पैमाने पर ऊर्जा परिवर्तन जैसे बदलावों का भी उल्लेख किया.

भारत उच्चतम संभावित वृद्धि दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाः नोबल सम्मानित अर्थशास्त्री
नोएडा:

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री ए माइकल स्पेंस ने भारत को उच्चतम संभावित वृद्धि दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बताते हुए कहा है कि इसने दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी डिजिटल अर्थव्यवस्था और वित्त संरचना का निर्माण किया है. वर्ष 2001 में अर्थशास्त्र के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित स्पेंस ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा में स्थित बेनेट यूनिवर्सिटी में छात्रों और शिक्षकों के साथ संवाद के दौरान यह बात कही.

उन्होंने कहा, 'भारत अभी उच्चतम संभावित वृद्धि दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है. भारत ने दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी डिजिटल अर्थव्यवस्था और वित्त संरचना को सफलतापूर्वक विकसित किया है. यह खुला एवं प्रतिस्पर्धी है और विशाल क्षेत्र में समावेशी किस्म की सेवाएं प्रदान करता है.'

विश्वविद्यालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, स्पेंस ने यह भी कहा कि दुनिया इस समय 'वैश्विक अर्थव्यवस्था के शासन क्रम में एक तरह का बदलाव' महसूस कर रही है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास का जिक्र करते हुए स्पेंस ने कहा कि 70 साल पुरानी वैश्विक प्रणाली महामारी, भू-राजनीतिक तनाव और जलवायु झटके से खंडित हो रही है.

उन्होंने कहा कि दक्षता और तुलनात्मक लाभ के विचारों पर केंद्रित वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला जैसे आर्थिक मानदंडों पर बनी वैश्विक प्रणाली तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रही है. उन्होंने कहा, 'झटकों को लेकर संवेदनशील दुनिया में एक ही स्रोत रखने का कोई मतलब नहीं है.'

उन्होंने कहा कि गुरुत्वाकर्षण का केंद्र पूर्वी दुनिया की तरफ खिसकने के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक बुनियादी बदलाव आ रहा है. इससे आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता आ रही है और वैश्विक शासन पहले से अधिक जटिल होता जा रहा है.

जाने-माने अर्थशास्त्री ने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद मानव कल्याण बढ़ाने के लिए जवाबी कदम होने से आशावाद पनपता है. उन्होंने ‘जनरेटिव एआई', जैव-चिकित्सकीय जीवन विज्ञान में क्रांति और बड़े पैमाने पर ऊर्जा परिवर्तन जैसे बदलावों का भी उल्लेख किया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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