
- अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का मानना है कि देश स्पेस एक्सप्लोरेशन के स्वर्ण युग में प्रवेश कर रहा है.
- शुभांशु शुक्ला अपने ऐतिहासिक AXIOM 4 अंतरिक्ष मिशन के बाद पहली बार अपने होमटाउन लखनऊ पहुंचे हैं.
- उन्होंने लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और अपने स्कूल मॉन्टेसरी स्कूल में बच्चों से बातचीत की.
भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री, शुभांशु शुक्ला का कहना है कि देश स्पेस एक्सप्लोरेशन की 'गोल्डन एज' में दाखिल हो रहा है. सोमवार को भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने होम टाउन लखनऊ पहुंचे और यहां पर उनका शानदार स्वागत हुआ. इंडियन एयरफोर्स (IAF) में ग्रुप कैप्टन शुभांशु ने कहा कि पूरा परिदृश्य बदल रहा है और उन्हें उम्मीद है कि आने वाला समय बेहद उज्जवल है. लखनऊ में शुभांशु ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की और उनके साथ उनकी पत्नी और बेटा भी थे.
पहली बार पहुंचे होमटाउन
शुभांशु अपने ऐतिहासिक AXIOM 4 अंतरिक्ष मिशन के बाद पहली बार अपने होमटाउन पहुंचे. यूं तो वह 17 अगस्त को अमेरिका से भारत आ गए थे लेकिन 18 अगस्त को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग समेत वह कई आउटरीच प्रोग्राम में शिरकत कर रहे थे. ऐसे में वह अब जाकर लखनऊ पहुंच पाए हैं. शुभांशु अपने स्कूल सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) भी पहुंचे और उन्होंने यहां पर बच्चों से बात की.

लखनऊ में अपने स्कूल पहुंचे शुभांशु
हर मिशन को किया पूरा
खास बातचीत में शुभांशु उने कहा, 'देश स्पेस एक्सप्लोरेशन के 'गोल्डन एज' में दाखिल हो रहा है जहां दूरदर्शिता और तकनीकी क्षमता, महत्वाकांक्षी सपनों को साकार करने के लिए एक साथ आ रही है. इस दौरान शुक्ला ने अंतरिक्ष में भारत की निरंतर उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें मंगल मिशन और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफल लैंडिंग शामिल है. उन्होंने कहा, 'हम एक ऐसा देश हैं जिसने बार-बार प्रतिस्पर्धी मिशनों को अंजाम दिया है और उन्हें सफलतापूर्वक पूरा किया है. अब अगला कदम उठाने का समय आ गया है-भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजना और अंततः चंद्रमा पर उतरना.'
स्कूल के बच्चों से की बात
उन्होंने कहा भारत आने वाले वर्षों में अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की तैयारी कर रहा है, यह एक ऐसा कदम है जो देश को स्वतंत्र मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर देगा. युवा छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, शुक्ला ने आशावादी रुख अपनाया. उन्होंने कहा, 'एकमात्र सीमा कारक उनका अपना मन है. अवसर मौजूद हैं, परिस्थितियां सही हैं. उन्हें बस भरोसा रखना है. यही पीढ़ी है जो हमारे सपनों को साकार करेगी.'
बच्चों से बात करते हुए शुभांशु ने कहा, 'पिछले पांच सालों कह ट्रेनिंग और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक उड़ान भरने और वापस आने के पिछले एक वर्ष के अनुभव को देखते हुए - यह देखते हुए कि यह पूरा परिदृश्य कैसे बदल रहा है, मुझे लगता है कि भविष्य बेहद उज्ज्वल है.'

स्कॉलरशिप का ऐलान
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि पर यूपी के सीएम योगी ने उनकी जमकर सराहना की. उन्होंने इस मौके पर कहा, ' उत्तर प्रदेश के पहले ऐसे स्पेस मिशन के साथ जुड़ने वाले पहले यात्री बने हैं तो हम लोग एक स्कॉलरशिप ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के नाम पर जारी करेंगे. यह उन छात्रों के लिए होगी जो स्पेस टेक्नोलॉजी में अपना उच्च अध्ययन अर्जित करना चाहते हैं. मुझे खुशी इस बात की है कि आज से तीन वर्ष 4 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के अन्दर स्पेस टेक्नोलॉजी पर, किसी भी विश्वविद्यालय में और किसी भी हमारे संस्थान में कोई भी पाठ्यक्रम नहीं था. उसका कोई सिलेबस नहीं था, न ही कोई डिग्री थी और न ही कोई डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्सेज नहीं थे.
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