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अंतरिक्ष से मैंने जो सबसे खूबसूरत चीज देखी वह है... जानें अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने क्या बताया

शुभांशु शुक्‍ला ने अंतरिक्ष यात्रा की कठोर वास्तविकताओं को भी साझा किया और सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के साथ तालमेल बिठाने की कठिनाई, पृथ्वी पर लौटने के बाद खड़े होने में परेशानी और अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा झेले जाने वाले अत्यधिक जी फोर्स के बारे में भी बात की.

अंतरिक्ष से मैंने जो सबसे खूबसूरत चीज देखी वह है... जानें अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने क्या बताया
  • अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से बेंगलुरु सबसे खूबसूरत नजर आया.
  • एक कार्यक्रम में शुक्ला ने भारत के ऊपर से गुजरते वक्‍त अंतरिक्ष से देखे गए दृश्यों का वीडियो दिखाया.
  • इसके साथ ही उन्‍होंने अत्यधिक जी फोर्स सहित अंतरिक्ष यात्रा की कठोर वास्तविकताओं को भी साझा किया.
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अंतरिक्ष यात्री और भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने मंगलवार को कहा कि जब अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) भारत के ऊपर से गुजर रहा था तो बेंगलुरु "सबसे चमकदार" और "सबसे खूबसूरत" दिखाई दिया. कर्नाटक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित एक संवाद सत्र और सम्मान समारोह में शुक्ला ने भारत के ऊपर से गुजरते हुए एक रात के दृश्य का वीडियो दिखाया. साथ ही अंतरिक्ष यात्रा की कठोर वास्‍तविकताओं से भी अवगत कराया. 

शुभांशु शुक्‍ला ने अंतरिक्ष यात्रा के दौरान भारत के ऊपर से गुजरने के दृश्‍य के बारे में बताते हुए कहा, "उस पूरे भारत के दर्रे में आपको जो सबसे खूबसूरत चीज दिखाई देगी, वह है बेंगलुरु शहर. यह हमारे देश के दक्षिणी हिस्सों का सबसे चमकीला शहर है और यह अपनी अलग पहचान रखता है, सचमुच अलग."

शुभांशु शुक्‍ला ने दिया अनुशासन पर जोर 

कार्यक्रम में शुक्ला द्वारा दिखाए गए वीडियो में अंतरिक्ष से दिखाई देने वाली पृथ्वी पर गरज और बिजली की चमक भी दिखाई दे रही थी. वीडियो में पृथ्वी की वक्रता और ऑर्बिटल सूर्योदय के अलावा हैदराबाद और पुणे भी दिखाई दे रहे थे. 

उन्होंने जोर देकर कहा कि मजबूत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के साथ-साथ अपने जीवन में अनुशासन लाने से उनकी तरह देश का प्रतिनिधित्व करने वाले अंतरिक्ष यात्री बनने में मदद मिल सकती है. उन्होंने छात्रों से भरे एक श्रोता समूह को संबोधित करते हुए कहा, "यह हमारे देश का उज्ज्वल भविष्य है. मैं उन सभी संभावनाओं को लेकर बहुत उत्साहित हूं जो देश हमें प्रदान करने जा रहा है और आप सभी इसके लाभार्थी होंगे."

गगनयान मिशन को लेकर भी बोले शुक्‍ला 

शुक्ला ने एक्सियन-4 मिशन से पहले अपने प्रशिक्षण के वीडियो दिखाए और कहा कि गगनयान मिशन भारत के लिए "विश्वस्तरीय अंतरिक्ष क्षमता" हासिल करने का एक जरिया है. उन्होंने कहा, "आज मैं आपको हीरो लग सकता हूं, लेकिन हजारों इंजीनियरों, डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने मेरे मिशन को संभव बनाया है. आप उनमें से कोई भी बन सकते हैं."

अंतरिक्ष यात्रा की कठोर वास्‍तविकताएं भी बताई

उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा की कठोर वास्तविकताओं को भी साझा किया और सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के साथ तालमेल बिठाने की कठिनाई, पृथ्वी पर लौटने के बाद खड़े होने में कठिनाई और अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा झेले जाने वाले अत्यधिक जी फोर्स के बारे में भी बात की. शुक्ला ने कहा, "आपात स्थिति में अंतरिक्ष यान 18-20 जीसैट लगा सकता है, ऐसा लगता है जैसे आपकी छाती पर कोई हाथी बैठा हो."

शुक्ला ने पिछले हफ्ते बेंगलुरु के ट्रैफिक पर एक हल्की-फुल्की टिप्पणी की थी. उन्होंने बेंगलुरु टेक समिट में कहा था, "मैं बेंगलुरु के दूसरी तरफ से मराठाहल्ली से आ रहा हूं, इसलिए आपके साथ इस प्रेजेंटेशन पर मैं जितना समय बिताने वाला हूं, मैंने उससे दोगुना समय बिताया है. आपको मेरे कमिटमेंट पर गौर करना होगा."
 

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