'यकुम जनवरी है नया साल है, दिसंबर में पूछूंगा क्या हाल है', ये बड़ा ही मशहूर और मकबूल शेर है. जिसे अक्सर तंज़ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन 2024 के आईने में यही शेर अगर किसी ने भारत के लिए कहा होता, तो जिगर मुरादाबादी के शेर में जवाब कुछ यूं होता. 'जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं, वही दुनिया बदलते जा रहे हैं'. भारत आज वाकई दुनिया बदल रहा है. साल 2024 में भारत के नाम उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है. बात आर्थिक मोर्चे की हो, शिक्षा की हो, कारोबार की हो, दुनिया के ताकतवर मुल्कों से होड़ लेता भारत आगे बढ़ता रहा, नए कीर्तिमान गढ़ता रहा. अब 2025 का सूरज हिंदुस्तान को सलाम कर रहा है.
सम्मान बढ़ता है शक्ति से, शक्ति मिलती है सही सोच, उद्यम और परिश्रम के सफल परिणाम से, तरक्की के हर प्रयास को कामयाब बनाने के लिए भारत का प्लान सेट है. 2025 की पहली जनवरी से 2025 के 31 दिसंबर तक की एक-एक तारीख, यानी 365 दिन, यानी 8760 घंटे के लिए भारत का पूरा प्लान तैयार है. ये सब ठीक वैसे ही हो रहा है, उसी पैटर्न पर चल रहा है, जैसे 2024 में हुआ.
दुनिया के सिर चढ़कर बोल रहा है भारत का जादू
भारत में आखिर ऐसा क्या है कि इसका जादू दुनिया के सिर चढ़कर बोल रहा है? भारत में आखिर ऐसा क्या है कि हर देश भारत से रिश्ते बेहतर करने की कोशिश कर रहा है? भारत में ऐसा क्या है कि दुनिया उसे सिर झुकाकर सलाम कर रही है? भारत में ऐसा क्या है कि हर देश भारत में निवेश के मौके खोज रहा है?
भारत लगातार डिजिटली स्मार्ट हो रहा है. ये तो अभी शुरुआत है. भारत ऐसे इनोवेशन की तरफ बढ़ने वाला है, जो दुनिया को दिशा दिखाएगा. दुनिया के विकास का हब होगा. भारत दुनिया का ग्रीन एनर्जी हब होगा. फार्मा हब होगा. दुनिया के बड़े-बड़े इकोनॉमी सेंटर भारत में होंगे.
इस विश्वास के पीछे है इनोवेशन और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी यानी फिनटेक का पूरा इकोसिस्टम, जो भारत की अर्थव्यवस्था को लगातार मजबूत कर रहा है और विदेश में भारत की साख बढ़ा रहा है.
लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स में भारत की 16 पायदान की छलांग
भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बेहद शानदार रही है. भारत की ट्रेड एफिशियंसी बढ़ी औऱ लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स में 16 पायदान की छलांग लगाकर हम 38वें नंबर पर आ गए. ये विश्व के कारोबारी जगत में भारत की बढ़ती ताकत का सबूत है.
भारत के पास वैसे तो पॉलिसी के कई इक्के हैं, लेकिन इनमें सबसे ख़ास है- मेक इन इंडिया, जिसने 25 सितंबर 2024 को अपने 10 साल पूरे किए. अब इसका डंका पूरी दुनिया में बज रहा है.
तभी तो रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि हम भी भारत में अपने विनिर्माण संचालन स्थापित करने के लिए तैयार हैं. भारत सरकार स्थिर परिस्थितियां बना रही है, जो भारत को पहले रखने की नीति से प्रेरित है. हम मानते हैं कि भारत में निवेश करना लाभदायक है.
विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत विश्व के टॉप-4 देशों में शामिल
रूसी राष्ट्रपति के इस बयान के पीछे है भारत की वो आर्थिक तरक्की, जो पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है. इस लिहाज से देखें तो साल 2024 बेहद खास रहा. देश के विदेशी मुद्रा भंडार ने 700 बिलियन अमरीकी डॉलर का आंकड़ा पार किया और विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत विश्व के टॉप-4 देशों में शामिल हो गया. विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में चीन, जापान और स्विट्ज़रलैंड के बाद अब भारत का नंबर आता है. एक साल या उससे अधिक के अनुमानित आयात के लिए भारत को अब विदेशी मुद्रा की कोई कमी नहीं होगी.
विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत विश्व के टॉप 4 देशों में है. जानिए कि देश के आम लोगों के लिए इसके मायने क्या हैं? इससे भारत की धाक दुनिया में कैसे बढ़ेगी?
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम यानी WEF की रिपोर्ट के मुतबिक, 2024 में ग्लोबल कॉम्पिटिटिवनेस इंडेक्स में भारत 39वें स्थान पर पहुंच गया. भारत अभी सिर्फ 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की बात कर रहा है, लेकिन दुनिया भारत के लिए 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का टारगेट सेट कर रही है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने हाल ही में एक इंटरव्यू में जो बात कही, वो हर देशवासी को जानना चाहिए.
डिजिटल अर्थव्यवस्था और सेवाओं के निर्यात के कारण भारत सबसे आगे
बोर्गे ब्रेंडे ने कहा कि हमें लगता है कि आने वाले दशक में हम भारत को लेकर 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के बारे में बात कर सकते हैं. डिजिटल अर्थव्यवस्था और सेवाओं के निर्यात के कारण भारत सबसे आगे रहा है. यह भारत के लिए बहुत अच्छी बात है. भारत बहुत तेजी से बढ़ रहा है. भारत में लोगों की बहुत रुचि है.
आर्थिक सुधारों ने भारत को विश्व बाजार का ऐसा प्लेयर बना दिया है, जो किसी भी चुनौती से टकराने को तैयार है.
भारत 2030 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और दुनिया भारत से नेतृत्व की आस लगाए बैठी है. जो अलग-अलग जगह, अलग-अलग मौकों पर सामने आती रही है.
इस उम्मीद के पीछे है वो दृढ़ संकल्प, जिसके दम पर प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. लॉजिस्टिक्स से लेकर इनोवेशन, सुरक्षा और साइबर सुरक्षा तक के क्षेत्रों में, रोज नए कीर्तिमान बना रहा है.
2024 में भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बन गया और मोबाइल फोन का प्रोडक्शन करने वाले देशों में भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया. पिछले एक दशक में भारत ने तकनीक को जिस तरह तरक्की से जोड़ा, वो पूरी दुनिया को हैरान कर रहा है.
भारत ने 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाल लिया
भारत ने पिछले पांच-छह साल में सिर्फ स्मार्टफोन के इस्तेमाल से 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाल लिया. भारत में ग्रामीण किसान जिनका कभी बैंकिंग से कोई संबंध नहीं था, अब अपने सारे काम स्मार्टफोन पर कर सकते हैं. वे अपने बिलों का भुगतान करते हैं और ऑर्डर के लिए भुगतान प्राप्त करते हैं. 80 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले क्योंकि भारत में इंटरनेट की पहुंच काफी अच्छी है और लगभग सभी के पास सेलफोन है.
इसमें आधार की शक्ति से लैस भारत के उस डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का योगदान भी कम नहीं है, जिसे अर्थ जगत के दिग्गज पूरी दुनिया को अपनाने की सलाह दे रहे हैं.
रोज नए मोर्चे फतह कर रहा भारत
आधार इस समय दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी प्रणाली है. मुझे लगता है कि सबसे पहली बात यह है कि दूसरे देशों को समझना चाहिए कि अगर भारत ऐसा कर सकता है, तो हम भी ऐसा कर सकते हैं. देशों में आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षा होनी चाहिए कि वे कुछ ऐसा करें जो पहले कभी नहीं किया गया हो, जिस तरह से भारत ने आधार नंबर बनाकर किया.
तकनीक से तरक्की के रास्ते पर बढ़ता भारत रोज नए मोर्चे फतह कर रहा है. 2024 में एक और बड़ा कमाल हुआ है. 2014 से पहले बंदरगाहों पर मालवाहक जहाजों के अनलोड और लोड होने में करीब 94 घंटे लगते थे. 2024 में वो समय घटकर 48 घंटे रह गया. भारत अब उपलब्धियों का रिकॉर्ड बना रहा है, जिसे दुनिया सलाम कर रही है.
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