विज्ञापन
This Article is From Apr 30, 2025

भारत ने पाकिस्तान के लिए तैयार किया उसकी आतंकी करतूतों का पुलिंदा वाला डोजियर

पाकिस्तान की ज़मीन से फैला यह वैश्विक आतंक अब किसी एक देश की समस्या नहीं रह गया है. अफगानिस्तान, भारत, ईरान, बांग्लादेश, ब्रिटेन, और अब रूस लगभग हर कोने में पाकिस्तान से जुड़ी आतंक की कहानियां उभर रही हैं. भारत की तरफ से आतंक के खिलाफ डोजियर तैयार कर लिया गया है अब जल्द ही कार्रवाई होगी.

भारत ने पाकिस्तान के लिए तैयार किया उसकी आतंकी करतूतों का पुलिंदा वाला डोजियर
नई दिल्ली:

आतंकवाद को प्रायोजित करने, उसे पनाह देने और उसे बढ़ावा देने में पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड दुनिया की सबसे खतरनाक और अस्थिर करने वाली ताकतों में से एक है. दशकों से, इसकी धरती का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद, उग्रवाद और चरमपंथी विचारधारा के लिए लॉन्चपैड के रूप में किया जाता रहा है.

2018 में, पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि पाकिस्तान सरकार ने 2008 के मुंबई हमलों में भूमिका निभाई थी, जो पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए थे. परवेज मुशर्रफ ने भी स्वीकार किया था कि उनकी सेना ने भारत के हिस्से वाले कश्मीर में भारत से लड़ने के लिए आतंकवादी समूहों को प्रशिक्षित किया था. 

Latest and Breaking News on NDTV

कुछ ही समय पहले, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने स्वीकार किया था कि देश ने तीन दशकों से अधिक समय तक आतंकवादी समूहों का समर्थन किया, इसे अमेरिका के नेतृत्व वाली विदेश नीति के फैसलों से जुड़ी एक गलती बताया. पाकिस्तान न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के तमाम देशों में आतंकवाद फैलाता रहा है.  भारत की तरफ से एक डोजियर तैयार किया गया है जिसमें उन घटनाओं का जिक्र है जहां-जहां पाकिस्तान द्वारा तैयार किए गए आतंकवादियों ने घटना को अंजाम दिया था. 

आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों की फैक्ट्री

पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, वज़ीरिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में फैले आतंकी प्रशिक्षण केंद्र लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और ISIS जैसे संगठनों को प्रशिक्षण देते हैं.  इन कैंपों में पूर्व सैन्यकर्मी हथियार चलाने से लेकर आत्मघाती हमलों की रणनीति तक सिखाते हैं. 

2019 की अमेरिकी रिपोर्ट "Country Reports on Terrorism" ने पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए 'सुरक्षित पनाहगाह' करार दिया था. 

Latest and Breaking News on NDTV

 हक्कानी नेटवर्क को भी मिलता रहा है पाक का साथ

अफगानिस्तान में तालिबान और हक्कानी नेटवर्क द्वारा किए गए हमलों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर होती रही है. ये आतंकी संगठन ISI से न सिर्फ आर्थिक सहायता पाते हैं, बल्कि पाकिस्तान में उन्हें सुरक्षित पनाहगाहें भी मिलती हैं. 

2008 में भारतीय दूतावास पर हमला और 2011 में काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास पर हमला इन संगठनों द्वारा किया गया, जिनकी निगरानी पाकिस्तान की एजेंसियां कर रही थीं. भारत की तरफ से बनाए गए डोजियर में कहा गया है कि वरिष्ठ पत्रकार कारलोटा गॉल ने लिखा कि ये हमले ISI के कुछ "भटके हुए" अधिकारियों द्वारा नहीं बल्कि ऊंचें स्तर पर स्वीकृत किए गए थे. 

ईरान और रूस में भी पाक के आतंकी तार

जनवरी 2024 में ईरान ने पाकिस्तान के अंदर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनका लक्ष्य जैश-उल-अदल के ठिकाने थे. इसके भी जड़ पाकिस्तान में थे 

 रूस के मॉस्को शहर में एक कॉन्सर्ट हॉल पर हुए आतंकी हमले में भी पाकिस्तान का नाम उछला था.  जांच में पता चला कि हमलावर का संबंध पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क के साथ थे. 

ब्रिटेन में बम धमाके और बिन लादेन को भी पाकिस्तान ने दिया था पनाह

2005 के लंदन बम धमाकों में शामिल आतंकियों ने पाकिस्तान में प्रशिक्षण लिया था. वहीं अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में वर्षों तक सुरक्षित शरण पाकिस्तान ने दिया था. वह भी सैन्य अकादमी के बिल्कुल पास! क्या यह सिर्फ संयोग था?

बांग्लादेश और भारत के खिलाफ भी साज़िश

जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) को ISI द्वारा धन और प्रशिक्षण दिए जाने के आरोप लग चुके हैं.  2016 में ढाका के गुलशन कैफे हमले में 20 लोगों की जान गई थी, और इस समूह के पीछे भी पाकिस्तानी हाथ बताया गया था. 

एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार 2020 में ISI ने बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार में रोहिंग्या शरणार्थियों को आतंक के लिए प्रशिक्षित किया था.  ताकि उन्हें भारत में घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया जा सके.

पाकिस्तानी सेना और ISI – एक नापाक गठबंधन

यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज़ की एक रिपोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान की सेना, उसकी खुफिया एजेंसी ISI और कट्टरपंथी धार्मिक नेताओं के बीच एक गहरा और खतरनाक गठबंधन है।

2019 में ब्रिगेडियर शाह ने एक पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल पर स्वीकार किया कि उनकी सरकार ने जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठन को 'मुख्यधारा' में लाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए।

पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ ने तो यहां तक कह दिया कि ओसामा बिन लादेन और ज़वाहिरी जैसे आतंकवादी पाकिस्तान के "हीरो" थे. 

विश्व समुदाय की चुप्पी – एक गंभीर सवाल

पाकिस्तान की ज़मीन से फैला यह वैश्विक आतंक अब किसी एक देश की समस्या नहीं रह गया है. अफगानिस्तान, भारत, ईरान, बांग्लादेश, ब्रिटेन, और अब रूस लगभग हर कोने में पाकिस्तान से जुड़ी आतंक की कहानियाँ उभर रही हैं. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com