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This Article is From Mar 20, 2023

"आरोपियों के खिलाफ हो कड़ी से कड़ी कार्रवाई", लंदन में तिरंगा उतारे जाने पर भारत ने जताया कड़ा एतराज

ब्रिटिश अधिकारियों ने घटना की निंदा की है और इसे "अपमानजनक" और "पूरी तरह से अस्वीकार्य" बताया है.

"आरोपियों के खिलाफ हो कड़ी से कड़ी कार्रवाई", लंदन में तिरंगा उतारे जाने पर भारत ने जताया कड़ा एतराज
नई दिल्ली:

खालिस्तानी झंडे लहराते हुए और खालिस्तानी समर्थक नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के ऊपर फहराए गए तिरंगे को रविवार शाम उतारने का प्रयास किया था. भारत ने इस घटना को लेकर कड़ा एतराज जताया है. भारत की तरफ से मांग की गई है कि इस घटना में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाए और इनके खिलाफ मुकदमें चलाए जाए. साथ ही इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा को और अधिक मजबूत की जाए. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि यूके के अधिकारी को तलब कर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत पर बल दिया गया. 

ब्रिटिश अधिकारियों ने घटना की निंदा की है और इसे "अपमानजनक" और "पूरी तरह से अस्वीकार्य" बताया है. लंदन के मेयर सादिक खान ने ट्वीट किया "मैं आज भारतीय उच्चायोग में हुई हिंसक अव्यवस्था और तोड़फोड़ की निंदा करता हूं.  इस तरह के व्यवहार के लिए हमारे शहर में कोई जगह नहीं है. घटना की जांच की जा रही है. लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस घटना की जांच कर रही है और स्कॉटलैंड यार्ड को बुलाया गया था. पुलिस ने एक बयान में कहा कि उनके पहुंचने से पहले अधिकांश भीड़ तितर-बितर हो गई थी. एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया और जांच जारी है. 

बताते चलें कि टूटी हुई खिड़कियों और ‘इंडिया हाउस' की इमारत पर चढ़ने वाले लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं थी. घटनास्थल के वीडियो में एक भारतीय अधिकारी को उच्चायोग की पहली मंजिल की खिड़की से एक प्रदर्शनकारी द्वारा लहराये जा रहे झंडा खींचता हुआ दिख रहा है, जबकि प्रदर्शनकारी खालिस्तान का झंडा लहराता दिख रहा है.

उल्लेखनीय है कि पंजाब में खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के बीच प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस' तथाकथित ‘‘जनमत संग्रह 2020'' करा रहा है. रविवार की इस घटना से पहले कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी खालिस्तानी समर्थकों के ऐसे कृत्य सामने आए हैं. 

पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन शहर में भारत के वाणिज्य दूतावास को सुरक्षा कारणों सें बंद करना पड़ा था. वहां खालिस्तानी समर्थक अवैध तरीके से एकत्रित हुए और उन्होंने कार्यालय के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध कर दिया था. हाल के महीनों में खालिस्तान समर्थकों ने मेलबर्न में कई हिंदू मंदिरों में तोड़फोड की है.  भारत इस मुद्दे को लगातार ऑस्ट्रेलिया प्राधिकारियों के समक्ष उठाता रहा है.

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