
- भारत और चीन अक्टूबर 2025 के अंत तक लंबे समय से बंद पड़ी सीधी उड़ानें फिर से शुरू कर सकते हैं
- भारत और चीन दोनों ही देशों के बीच बातचीत पूरी हो चुकी है और संशोधित समझौता अंतिम रूप में है
- कोविड-19 महामारी और डोकलाम गतिरोध के कारण भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें निलंबित हो गई थीं
भारत और चीन के बीच लंबे समय से बंद पड़ी सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने की तैयारी हो चुकी है. अक्टूबर 2025 के आखिर तक दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू कर सकते हैं. यह कदम दोनों देशों के बीच सुधरते रिश्तों की तस्दीक कर रहा है. विदेश मंत्रालय प्रवक्ताओं ने भी पुष्टि की है कि नागरिक उड्डयन विभागों के बीच बातचीत पूरी हो चुकी है और एक संशोधित एयर सर्विसेज एग्रीमेंट को अंतिम रूप दिया गया है. इस फैसले से व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा, जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "कल हमने एक प्रेस रिलीज जारी की थी और उसके बाद मुझे पता चला है कि इस संबंध में व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं. यह निश्चित रूप से भारत और चीन के बीच संबंधों के सामान्य होने की दिशा में है." इस समझौते के तहत, भारत और चीन अक्टूबर के अंत तक सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने वाले हैं. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस बात पर सहमति बनी है कि भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाएं इस महीने के अंत में फिर से शुरू हो सकती हैं.
क्यों बंद हुई थी फ्लाइट्स
2020 में कोविड-19 महामारी के बाद भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें निलंबित कर दी गई थीं. डोकलाम गतिरोध के कारण इन्हें फिर से शुरू नहीं किया गया था. लेकिन चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के बाद रिश्ते लगातार बेहतर हो रहे हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान, दोनों पक्षों ने जल्द से जल्द दोनों देशों के बीच सीधी फ्लाइट शुरू करने पर सहमति व्यक्त की थी. वे दोनों दिशाओं में पर्यटकों, व्यवसायों, मीडिया और अन्य लोगों के लिए वीज़ा की सुविधा प्रदान करने पर भी सहमत हुए.
भारत और चीन के रिश्ते में सुधार
अपनी अगस्त यात्रा के दौरान, वांग यी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वें दौर की वार्ता की सह-अध्यक्षता भी की थी. भारत दौरे पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे. बाद में उन्होंने चीन द्वारा आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लिया.
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