ताशकंद अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह का 13 वां संस्करण 28 सितंबर से 3 अक्टूबर, 2021 तक आयोजित किया गया. इसे एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के रूप में भी संबोधित किया गया. उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव की पहल पर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव "पर्ल ऑफ द सिल्क रोड" का आयोजन ताशकंद में पुनर्निर्मित पैलेस ऑफ सिनेमा में हुआ.
फिल्म महोत्सव ने लगभग 50 देशों की मेजबानी की जिसमें 300 से अधिक अभिनेता और 50 से अधिक तुर्की अभिनेता और अधिकारी शामिल थे. तुर्की के उप संस्कृति और पर्यटन मंत्री अहमत मिस्बाह डेमिरकन भी इसमें शामिल थे.
फिल्म महोत्सव "शांति, ज्ञान और प्रगति" विषय पर आधारित था जिसमें भारत, इटली, रूस, मिस्र, अजरबैजान, बेलारूस, इज़राइल, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पोलैंड, ताजिकिस्तान और तुर्की जैसे कई देशों की भागीदारी देखी गई.
रजनीश बाबा मेहता ताशकंद अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र स्वतंत्र फिल्म निर्माता थे. मेहता की बाबरी मस्जिद विध्वंस पर आधारित शॉर्ट फिल्म ''पुण्यतिथि: डेथ एनिवर्सरी'' इस फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित की गई. इस फिल्म के लिए उन्हें "मानव एकता के विचार के लिए" हॉलीवुड निर्देशक और निर्माता ल्यूक बेसन द्वारा पुरस्कृत किया गया था.
इसमें, ग्रेट द पर्ल सिल्क रोड की थीम पर उज्बेकिस्तान के बारे में शॉर्ट फिल्मों की शूटिंग के लिए दुनिया के 22 देशों के 20 युवा निर्देशकों ने भाग लिया.
ताशकंद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भारत से बॉलीवुड निर्माता सरफराज आलम, करीम मोरानी, अभिनेता कुणाल कपूर, डिनो मोरिया, गुलशन ग्रोवर, ऋचा चड्ढा, बोमन ईरानी, अदिति राव हैदरी, हुमा कुरैशी, रणधीर कपूर, मिथुन चक्रवर्ती, राहुल भट्ट, गायक जसबीर जस्सी, निर्देशक संजय गुप्ता, अनुराग बसु, राहुल रवैल, डिजाइनर रितु बेरी ने रेड कार्पेट पर वॉक किया और भारतीय प्रतिभागी रजनीश बाबा मेहता का हौसला बढ़ाया.
इस कार्यक्रम में अलग-अलग देशों के 150 से अधिक जानेमाने फिल्म निर्माताओं ने भी भाग लिया.
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