CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने "मनमानी गिरफ्तारी और तोड़फोड़ मामले में" न्यायपालिका की भूमिका पर कही ये बात

इस समारोह में CJI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व मे आने से लेकर अबतक कुल 35000 महत्वपूर्ण फैसलों को सभी भाषाओं मे लोगों तक पहुंचाने का हमारा लक्ष्य है.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट लॉन में स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किया गया. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ इस समारोह के चीफ गेस्ट और केंद्रीय कानून मंत्री गेस्ट ऑफ ऑनर रहे. सुप्रीम कोर्ट बार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष अतिथि के रूप में मंच पर मौजूद थे.  इस दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 77 साल बाद हमारा तिरंगा स्वतंत्रता और समानता की हवा में लहरा रहा है. कई बार हवा रुक जाती है या क्षितिज पर तूफान आ जाता है, लेकिन झंडा हमें अतीत के सामूहिक गौरव की ओर ले जाता है और हमें वर्तमान में बने रहने की इच्छाशक्ति देता है.

इस संवैधानिक लोकतंत्र में विकास लाने में मीडिया, नौकरशाही, राजनीतिक दल, स्वयंसेवी संगठनों जैसी संस्थाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. झंडा हमारी सामूहिक विरासत के प्रतीक के रूप में कार्य करता है. इस महान न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में आपके सामने खड़ा होना बहुत सम्मान की बात है. मैं यहां एक जूनियर के रूप में जजों, अटॉर्नी जनरल को सुनने के लिए आता था और अब यह बात मेरे दिल को झकझोर देती है.

CJI  ने कहा हमारे संस्थापक नेताओं ने राष्ट्रीय प्राथमिकताएं तय कीं और सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बदलाव लाने के लिए संस्थागत तंत्र की कल्पना की. सिस्टम की ताकत न्याय देना है. इस विश्वास की भावना कि मनमाने ढंग से गिरफ्तारी, तोड़फोड़ की धमकी आदि को सुप्रीम कोर्ट के जजों  में सांत्वना और आवाज मिलनी चाहिए. न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका तीनों अंग राष्ट्रीय निर्माण के साझा कार्य में जुड़े हुए हैं.भारतीय न्यायपालिका का इतिहास भारतीय जनता के दैनिक संघर्ष का इतिहास है.अगर हमारा इतिहास सब कुछ सिखाता है तो वह यही है कि अदालत के लिए कोई भी मामला छोटा या बड़ा नहीं होता .

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि जैसा कि मैं भविष्य की ओर देखता हूं, मेरा मानना है कि सबसे बड़ी चुनौती न्याय तक पहुंच में बाधा को खत्म करना है .हमें न्याय प्रदान करने की अदालत की क्षमता में विश्वास पैदा करना होगा. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को न्याय मिले. हमें अदालत के बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है .

पीएम ने फैसलों का क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद करने के न्यायपालिका के प्रयासों की सराहना की. अब तक 9,423 फैसलों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व मे आने से लेकर अबतक कुल 35000 महत्वपूर्ण फैसलों को सभी भाषाओं मे लोगों तक पहुंचाने का हमारा लक्ष्य है. 9423 जजमेंट को क्षेत्रीत भाषाओं मे ट्रांसलेट किया गया, जिसमें 8977 हिन्दी भाषा मे किया गया.अदालतों की कार्यक्षमता इस बात से निर्धारित होती है कि वे संवैधानिक कर्तव्य का कितने प्रभावी ढंग से जवाब दे सकते हैं.

स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित कार्यक्रम में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 'जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करती है बसेरा.. वो भारत देश है मेरा' गाना गाया. उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव है. हम 75 साल कैसे चले, मंजिल मिली या नही मिली ये अलग बात है. लेकिन 2047 तक कहां पहुंचेंगे ये प्रधानमंत्री जी ने लाल किले से तय कर दी है. हम राष्ट्र किसको कहते हैं ये समझना थोडा मुश्किल होता है . इसमें 5 चीजें अहम हैं. 1- भू भाग 2- सम्प्रभुता  3- झंडा 4- मुद्रा 5- भाषा जारी से हमारे चीफ जस्टिस साहब आजकल प्रमोट कर रहे हैं. ये पांच चीज अगर है तभी राष्ट्र कहा जाता है.

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इसके आगे उन्होंने कहा कि मैग्नाकार्टा के सेक्शन 35 मे लिखा गया कि आने वाले समय में रूल ऑफ लॉ होगा रूल ऑफ मैन नहीं होगा. हमारे देश मे डेमोक्रेसी बहुत पहले से महात्मा बुद्ध के समय भी था. जो हमारे यहां संहिताएं आ रही हैं जिसे गृहमंत्री जी ने संसद मे पेश किया है, ये एक बड़ा सुधार है. अमृतकाल के पहले साल मे हम जितना हो सकेगा वकीलों के चैंबर बनाएंगे.