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This Article is From Jun 01, 2014

देश का 29वां राज्य बना तेलंगाना, गुलाबी रंग में रंगा हैदराबाद

देश का 29वां राज्य बना तेलंगाना, गुलाबी रंग में रंगा हैदराबाद
हैदराबाद:

आज घड़ी में बारह बजते ही देश के 29वें राज्य तेलंगाना का जन्म हो गया। इस मौके पर पूरे हैदराबाद शहर के लगभग 150 जहगों पर बिरयानी और मिठाइयां बांटी गई।

तेलंगाना समर्थकों ने इसके लिए पहले से ही भव्य जश्न की तैयारी कर रखी थी। तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी ने इस उपलक्ष्य में पूरे हैदराबाद को गुलाबी रंग से रंग दिया है, जो कि पार्टी के झंडे का रंग है।

टीआरएस नेताओं ने कहा कि इस मौके के लिए मुंबई से खासतौर से मंगाई गई आतिशबाजियां हैदराबाद के 120 मुख्य चौराहों और सड़कों पर जलाई गईं।

इस मौके पर तेलंगाना राज्य का आधिकारिक गीत विभिन्न स्थानों, खासतौर से हुसैन सागर लेक से लगे टैंक बंद और नेकलेस रोड पर बजाया गया, जो हैदराबाद और सिकंदराबाद शहर को अलग करता है। वहीं ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (जीएचएमसी) ने ऐतिहासिक स्थलों चारमीनार, गोलकोंडा किला, विधानसभा और जुबली हॉल को रोशन कर रखा था।

इसके साथ ही आंध्र प्रदेश आज दो हिस्सों में बंट गया। तेलंगाना में हैदराबाद सहित 10 जिले होंगे, जबकि शेष आंध्र प्रदेश में 13 जिले होंगे। वहीं हैदराबाद अगले 10 सालों तक दोनों राज्यों की राजधानी रहेगी।

राज्य के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होगा और ईएसएल नरसिम्हन तेलंगाना के राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे और फिर के.चंद्रशेखर राव को राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।

राव की पार्टी टीआरएस को 119 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत प्राप्त है, और वह सुबह 8.30 बजे राजभवन में एक सादे समारोह में शपथ ग्रहण करेंगे। राव के साथ मंत्रिमंडल के 10 अन्य सदस्य भी शपथ लेंगे। शपथ लेने से पहले टीआरएस प्रमुख तेलंगाना के शहीदों को विधानसभा के नजदीक गन पार्क में श्रद्धांजलि देंगे।

तेलंगाना के गठन का आधिकारिक जश्न सोमवार को मनाया जाएगा। शपथ ग्रहण के बाद राव परेड ग्राउंड में सरकारी कार्यक्रम के तहत राष्ट्र ध्वज फहराएंगे। इसके बाद वह जनता के नाम अपना संदेश देंगे।

राव मंत्रिमंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जहां वह राज्य के लोगो से संबंधित पहली फाइल पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। टीआरएस ने पार्टी के झंडे, केसीआर के कट-आउट और तोरण से सभी महत्वपूर्ण चौराहों को सजा दिया है।

संसद में इस वर्ष फरवरी महीने में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पारित हुआ था, और इस तरह तेलंगाना का गठन संभव हो पाया है। हैदराबाद को दोनों राज्यों की राजधानी घोषित किए जाने के बाद तेलंगाना के सचिवालय कर्मचारियों व आधारभूत संरचनाओं का भी बंटवारा किया गया है।

इस बीच, तेलंगाना सचिवालय को आंध्र के कर्मचारी आवंटित करने का टीआरएस ने विरोध किया है। टीआरएस ने आरोप लगाया है कि सीमांध्र के कर्मचारी अनधिकृत रूप से नौकरियां हासिल कर रहे हैं, जबकि ये नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए हैं।

केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश के तहत तेलंगाना के 200 से अधिक गांवों को आंध्र प्रदेश में शामिल कर दिए जाने से भी एक विवाद पैदा हो गया है। खम्माम जिले के 205 गांवों को आंध्र प्रदेश को देने संबंधित अध्यादेश के विरोध में केसीआर के आह्वान पर तेलंगाना में गुरुवार को एक दिन का बंद रखा गया था। केसीआर ने इस कदम को असंवैधानिक करार दिया है और इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने की धमकी दी है।

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