मुलायम सिंह के खिलाफ कार सेवकों पर फायरिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है.
नई दिल्ली:
अयोध्या में साल 1990 में कार सेवकों पर गोली चलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. राणा संग्राम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 1990 में कार सेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने को लेकर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगा.
राणा संग्राम सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि 6 फरवरी 2014 को मैनपुरी जिले में आयोजित एक जनसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि उनके आदेश पर 1990 में पुलिस ने अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलाई थी.
राणा संग्राम सिंह के वकील विष्णु जैन के मुताबिक इस बयान के बाद राणा संग्राम सिंह ने लखनऊ पुलिस में मुलायम सिंह के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी. लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने लखनऊ की निचली अदालत में मुलायम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की थी लेकिन अदालत ने राहत न देते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया. इसके खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. हाई कोर्ट ने भी तीन मई 2016 को याचिका ख़ारिज कर दी. इसके बाद अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
VIDEO : जरूरी थी फायरिंग
वकील विष्णु जैन के मुताबिक याचिका में यह भी सवाल उठाया गया है कि क्या मुख्यमंत्री भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दे सकता है? अगर हां तो किस कानूनी प्रावधान के तहत. क्या पुलिस को भीड़ पर गोली चलाने का अधिकार है? दरअसल 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हजारों कार सेवक जमा हुए थे. इसके बाद पुलिस ने भीड़ पर गोलियां चलाईं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी.
राणा संग्राम सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि 6 फरवरी 2014 को मैनपुरी जिले में आयोजित एक जनसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि उनके आदेश पर 1990 में पुलिस ने अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलाई थी.
राणा संग्राम सिंह के वकील विष्णु जैन के मुताबिक इस बयान के बाद राणा संग्राम सिंह ने लखनऊ पुलिस में मुलायम सिंह के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी. लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने लखनऊ की निचली अदालत में मुलायम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की थी लेकिन अदालत ने राहत न देते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया. इसके खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. हाई कोर्ट ने भी तीन मई 2016 को याचिका ख़ारिज कर दी. इसके बाद अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
VIDEO : जरूरी थी फायरिंग
वकील विष्णु जैन के मुताबिक याचिका में यह भी सवाल उठाया गया है कि क्या मुख्यमंत्री भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दे सकता है? अगर हां तो किस कानूनी प्रावधान के तहत. क्या पुलिस को भीड़ पर गोली चलाने का अधिकार है? दरअसल 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हजारों कार सेवक जमा हुए थे. इसके बाद पुलिस ने भीड़ पर गोलियां चलाईं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी.
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