विज्ञापन

एयरपोर्ट पर सेकंडों में क्लियर होगा इमिग्रेशन, नहीं लगना होगा लंबी कतार में; जानिए क्या है प्रोसेस

एफटीआई-टीटीपी को एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. यह प्रोसेस जल्द ही मुंबई, चेन्नई और कोलकाता और फिर अन्य शहरों में शुरू होगा.

एयरपोर्ट पर सेकंडों में क्लियर होगा इमिग्रेशन, नहीं लगना होगा लंबी कतार में; जानिए क्या है प्रोसेस
नई दिल्ली:

इमिग्रेशन (Immigration) की प्रक्रिया को पूरा करने में लगने वाले समय को न्यूनतम 30 मिनट से घटाकर मात्र कुछ सेकंड करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. केंद्र ने दिल्ली एयरपोर्ट पर एक फास्ट-ट्रैक कार्यक्रम शुरू किया है, जिसे जल्द ही 20 अन्य शहरों में विस्तारित किया जाएगा.  22 जून को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा शुरू किए गए फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (FTI-TTP) के तहत, पूर्व-सत्यापित यात्रियों को इमिग्रेशन के लिए एक आसान बायोमेट्रिक्स का उपयोग किया जा रहा है. यह प्रक्रिया यात्रियों के आने और जाने दोनों ही समय लागू होगी. 

7 प्रमुख एयरपोर्ट पर जल्द होगी शुरुआत
इस कार्यक्रम को सात प्रमुख एयरपोर्ट मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोचीन, अहमदाबाद  - तक विस्तारित करने के लिए काम शुरू हो गया है और यह जल्द ही देश भर के 21 एयरपोर्ट पर उपलब्ध होगा. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी के साथ बात करते हुए कहा कि जिन यात्रियों ने पहले ही प्रक्रिया को पूरा कर लिया होगा उन्हें स्वचालित गेट (ई-गेट) का उपयोग करने और इमिग्रेशन के लिए लगी लंबी कतार में लगने की प्रक्रिया से छुट्टी मिल जाएगी. 

यह प्रोसेस जल्द ही मुंबई, चेन्नई और कोलकाता और फिर अन्य शहरों में शुरू होगा. इसके तहत, पूर्व-सत्यापित भारतीय नागरिकों और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों की इमिग्रेशन प्रक्रिया कुछ ही सेकंड में पूरी हो जाती है. इसका उद्देश्य तेज, सहज और अधिक सुरक्षित इमिग्रेशन मंजूरी के साथ अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता को सुविधाजनक बनाना है.  अधिकारी के अनुसार, एफटीआई-टीटीपी दिल्ली एयरपोर्ट पर पहले ही सफल हो चुका है और 18,400 व्यक्तियों (भारतीय पासपोर्ट और ओसीआई कार्ड धारक) ने इसके लिए रजिस्टर करवाया था. 

यह कैसे काम करता है? 
एफटीआई-टीटीपी को एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संचालित किया जा रहा है और इमिग्रेशन ब्यूरो इस कार्यक्रम के तहत यात्रियों की विभिन्न श्रेणियों के फास्ट-ट्रैक इमिग्रेशन के लिए नोडल एजेंसी है. आवश्यक सत्यापन के बाद, यात्रियों को ई-गेट के माध्यम से वाइट लिस्ट में डाल दिया जाता है. इस तरह के यात्रियों को 'विश्वसनीय यात्री' के तौर पर इमिग्रेशन की प्रक्रिया के दौरान देखा जाता है. 

जब पंजीकृत यात्री ई-गेट पर पहुंचते हैं, तो वे अपनी उड़ान का विवरण प्राप्त करने के लिए एयरलाइंस द्वारा जारी बोर्डिंग पास को स्कैन करते हैं. पासपोर्ट को भी स्कैन किया जाता है और यात्री के बायोमेट्रिक्स को प्रमाणित किया जाता है. एक बार जब यात्री की पहचान स्थापित हो जाती है और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण हो जाता है, तो ई-गेट स्वचालित रूप से खुल जाता है और इमिग्रेशन को मंजूरी दी गई मानी जाएगी.

कैसे करें अप्लाई?
योग्य व्यक्तियों को www.ftittp.mha.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा और आवश्यक विवरण प्रदान करना होगा, जिसे इमिग्रेशन ब्यूरो द्वारा सत्यापित किया जाएगा. उनके आवेदन स्वीकृत होने के बाद, उन्हें अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट या निकटतम विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय में अपने बायोमेट्रिक्स प्रदान करने के लिए नियुक्ति निर्धारित करने के लिए एक संदेश प्राप्त होगा. 

एफटीआई पंजीकरण अधिकतम पांच साल या पासपोर्ट की वैधता तक, जो भी पहले हो, वैध होगा. अधिकारियों ने कहा कि बायोमेट्रिक्स प्रदान करना अनिवार्य है और आवेदकों को एफटीआई-टीटीपी के लिए आवेदन करते समय कम से कम छह महीने की न्यूनतम पासपोर्ट वैधता सुनिश्चित करनी होगी. 

एक अधिकारी ने कहा, यह कार्यक्रम, जो इमिग्रेशन प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप को भी कम करेगा, दो चरणों में लागू किया जाएगा. पहले चरण में भारतीय नागरिकों और ओसीआई कार्डधारकों को शामिल किया जाएगा और अगले चरण में विदेशियों को शामिल किया जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक हेल्पडेस्क ईमेल आईडी भी साझा की है: india.ftittp-boi@mha.gov.in

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com