
- आईआईटी गुवाहाटी में रिसर्च और एमटेक छात्रों ने फीस वृद्धि के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया है
- 17 जुलाई को निदेशक की अध्यक्षता में हुए ओपन सेशन में छात्र मामलों के डीन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे
- छात्रों का आरोप है कि केंद्र की तरफ से हाउस भत्ता मिलने के बावजूद हॉस्टल किराया अलग से वसूला जा रहा है
IIT Massive Protests: आईआईटी गुवाहाटी में स्टूडेंट्स फीस में हुए इजाफे को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, जो बीते दिन बुधवार यानि तीसरे दिन भी जारी रहा. स्टूडेंट्स में रिसर्च और एमटेक के छात्र शामिल हैं. वहीं दूसरी तरफ मैनेजमेंट ने कहा है कि 7 साल के बाद फीस बढ़ाई गई है और सिर्फ स्टूडेंट्स का एक छोटा ग्रुप ही बढ़ी हुई फीस का विरोध कर रहा है.
ओपन सेशन में लिया गया फीस बढ़ाने का फैसला
17 जुलाई को आईआईटी-जी के निदेशक के नेतृत्व में एक ओपन सेशन आयोजित हुआ था. इसमें छात्र मामलों, शैक्षणिक मामलों के डीन और आईआईटीजी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए थे. इस दौरान फीस बढ़ोतरी का फैसला लिया गया था. छात्र इस बात से नाराज थे. इसी वजह से वह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
फीस में कितना हुआ इजाफा
आईआईटी गुवाहाटी के सूत्रों के मुताबिक, पीएचडी छात्रों की कुल फीस (जुलाई-नवंबर) सेमेस्टर 2025 के लिए 10,900 रुपये बढ़ा दी गई है. पहले जनवरी-मई 2025 सेमेस्टर में 34,800 रुपये फीस थी, जो कि बढ़ोतरी के बाद 45,700 रुपये हो गई है. छात्रों का आरोप है कि केंद्र द्वारा आईआईटी गुवाहाटी हाउस भत्ता दिए जाने के बावजूद, पीएचडी छात्रों से हॉस्टल का किराया अलग से लिया जा रहा है.
मैनेजमेंट के खिलाफ छात्रों का आरोप
छात्रों का आरोप है कि कई जगहों पर फीस गलत तरीके से बढ़ाई गई है. जैसे जिम फीस (1,000 रुपये से 2,000 रुपये तक), मेडिकल फीस (100 रुपये से 500 रुपये तक), हॉस्टल किराया (1,000 रुपये से 2,000 रुपये तक), हॉस्टल फंड (600 रुपये से 2,200 रुपये तक), और बिजली और पानी का शुल्क (2,500 रुपये से 3,500 रुपये तक).
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