स्मार्टफोन न होने से वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे या अन्य कारणों से कोरोना का टीका नहीं ले पा रहे गरीबों की मदद के लिए आईआईएम-बेंगलुरु के पूर्व छात्र आगे आए हैं. आईआईएम-बेंगलुरु के पूर्व छात्रों (IIM Bangalore alumni) ने शहर और गांवों को कोरोना से उबारने, पुनर्वास और रोकथाम के तहत गरीबों के लिए एक लाख टीके दान करने का अभियान शुरू किया है. इसे ‘डोनेट ए वैक्सीन' पहल (Donate a Vaccine Campaign) का नाम दिया गया है. इस पहल को अभूतपूर्व समर्थन भी हर वर्ग से मिल रहा है.
आईआईएम-बी ने रविवार को एक बयान में कहा कि समाज के वंचित वर्ग के टीकाकरण के लिए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और आईआईएम-बी गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ देवी शेट्टी ने शनिवार को डिजिटल तरीके से संयुक्त रूप से इस पहल का आगाज किया. इस कार्यक्रम के दौरान सीतारमण ने कहा, डोनेट ए वैक्सीन पहल बिल्कुल सही समय पर शुरू की गई है. आईआईएम बेंगलुरु के पूर्व छात्रों के इस तरह के प्रयास काबिले तारीफ हैं. इससे भारत का कोई भी संस्थान सीख ले सकता है.
वित्त मंत्री ने न सिर्फ महानगरों बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और उसमें सुधार करने के लिए केंद्र सरकार के युद्ध स्तर पर किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया. वित्त मंत्री ने कहा कि हम सभी को ‘रिबूटिंग, रीइमेजिनिंग और रीकनेक्टिंग इंडिया' (फिर शुरुआत करना, फिर कल्पना करना और फिर से जोड़ना) के त्रिआयामी नजरिये को पूरा करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. चाहे वो स्वास्थ्य या शिक्षा क्षेत्र हो, कृषि या आर्थिक क्षेत्र हो, सभी में हमारी महात्वाकांक्षाओं को जमीनी रूप देने के लिए आज के समय में तकनीक की बहुत बड़ी भूमिका होगी.
आईआईएम-बी के निदेशक ऋषिकेश कृष्णन, डॉ देवी शेट्टी और आईआईएमबी एल्युमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश मित्तल ने भी इस डिजिटल पहल को संबोधित किया.
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