राकांपा (एसपी) की नेता सुप्रिया सुले ने बुधवार को कहा कि अगर एक बड़े परिवार का कोई सदस्य अलग रुख अपनाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि परिवार टूट गया है. सुले ने हालांकि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का नाम नहीं लिया, जो पिछले साल अपने चाचा और सुले के पिता शरद पवार से अलग होकर शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी नेता इन दिनों उनकी पार्टी के कथित भ्रष्टाचार के बारे में बात नहीं करते हैं.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि शरद पवार उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, सुले ने कहा कि वह 'एनसीपी को भ्रष्टाचार से मुक्त करने' के लिए शाह की आभारी हैं. "वह जब भी महाराष्ट्र आते थे तो एनसीपी को 'प्राकृतिक रूप से भ्रष्ट पार्टी' कहते थे, लेकिन अब बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता भ्रष्टाचार के बारे में बात नहीं करता है. उन्होंने जो भी आरोप लगाए थे, उनके बारे में कोई बात नहीं करता है और इसीलिए, मैं बीजेपी और शाह की बहुत आभारी हूं." उनकी अपनी पार्टी में वंशवाद की राजनीति है.''
पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए सुले ने कहा, “हमारे परिवार में छोटे बच्चों समेत लगभग 120 से 125 सदस्य हैं और इतने बड़े परिवार में, अगर एक व्यक्ति अलग राय रखता है, तो इसका मतलब टूटना नहीं है.” उन्होंने कहा, 'हमारा परिवार एकजुट है और यह हमेशा एकजुट रहेगा.'
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