बिना जानकारी ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने पर दिल्ली सरकार (Delhi Government) से मिले कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) के बाद सीनियर आईएएस आशीष मोरे (Ashish More) आखिरकार ड्यूटी से लौट आए हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने पर सहमति जताई. आम आदमी पार्टी की सरकार ने बिना जानकारी के अनुपस्थित रहने पर आशीष मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि आपके खिलाफ अनुशासनात्मक एक्शन (Disciplinary action) क्यों न लिया जाए?
अब दिल्ली के सर्विस मंत्री के दफ्तर ने आशीष मोरे के ड्यूटी पर लौटने की जानकारी दी. आशीष मोरे ने इससे पहले सर्विसेज मंत्री की ओर से उनके स्थान पर नए सर्विसेज सेक्रेटरी की नियुक्ति के आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद दिल्ली सरकार ने कहा था कि मोरे दिल्ली सचिवालय से गायब हो गए थे. उनकी पत्नी ने कहा था कि उन्हें उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है.
ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने आशीष मोरे को सेवा सचिव पद से हटा दिया था. नोटिस के अनुसार, आशीष मोरे को सर्विस विभाग में नए सचिव की तैनाती के लिए फाइल पेश करने के लिए कहा गया था और उन्होंने सहमति भी जताई थी. लेकिन IAS अधिकारी आशीष मोरे मंत्री के सामने फाइल पेश करने की बजाय बिना सूचना के सचिवालय से निकल गए. आशीष मोरे ने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया और फोन स्विच ऑफ कर लिया. आरोप है कि आईएएस अफसर आशीष ने जानबूझकर फोन कॉल नहीं उठाया.
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज की ओर से अधिकारी को 13 मई को ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया था. आरोप है कि दिल्ली सरकार की ओर से आशीष मोरे के घर पर एक ऑफिशल नोट भी भेजा गया था. लेकिन घर पर मौजूद होते हुए ऑफिशल नोट उन्होंने रिसीव नहीं किया तो ईमेल और वाट्सऐप के जरिए भेजा गया.
आम आदमी पार्टी के नेताओं का आरोप है कि आशीष मोरे ने दिल्ली सरकार की योजनाओं को लागू करने में बाधा उत्पन्न की. वहीं, कई योजनाओं को समय पर लागू होने नहीं दिया.
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