दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (Delhi Government vs LG Power Tussle) के बीच लंबे समय से चली आ रही अधिकारों की जंग पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुना दिया. 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह आदेश दिया है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के पास ही अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार होगा. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा. जनता के काम रोकने वालों को अपने कर्मों का फल भुगतना होगा.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आम आदमी (AAP) सरकार एक्शन में नजर आ रही है. दिल्ली सरकार में सर्विसेज विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने विभाग का सेक्रेटरी बदलने का आदेश दिया. इसके बाद सर्विसेज विभाग के सचिव पद से आशीष मोरे को हटा दिया गया है. अदालत के फैसले से पहले, सर्विसेज डिपार्टमेंट दिल्ली के एलजी के पास था.
मेरे दोनों हाथ बांध दिए थे और...
कोर्ट का फैसला आने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक आदेश दिया है. दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत हुई. दिल्ली के साथ न्याय हुआ है. आज से 8 साल पहले 23 मई 2015 को प्रधानमंत्री ने आदेश पास करवाया कि दिल्ली के सर्विस के मामले दिल्ली सरकार के पास नहीं रहेंगे, बल्कि केंद्र और उपराज्यपाल के पास रहेंगे. इस फैसले के बाद दिल्ली के हर फैसले को रोका गया और ऐसा अधिकारी बैठाया गया जो काम ना करें. मेरे दोनों हाथ बांध दिए गए थे और नदी में फेंक दिया कि तैरो. हम किसी तरह तैरते रहे. हमने दिल्ली के लिए अच्छे काम किए"
जनता के आशीर्वाद की जीत
केजरीवाल ने कहा, "आज हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए संविधान पीठ की सभी जजों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं. अदालत ने हमारे साथ न्याय किया है. इस संघर्ष में दिल्ली की जनता ने मेरा साथ दिया. यह दिल्ली की जनता के आशीर्वाद की जीत है."
एलजी प्लीज काम में दखल न दें
उन्होंने कहा कि एलजी से निवेदन करेंगे कि काम में टांग ना अड़ाएं. उन्होंने ऐलान किया कि नाकाबिल और भ्रष्टाचारी अफसरों को हटाएंगे, ईमानदारों को ऊंचे पदों पर बैठाएंगे. जनता का काम रोकने वालों को कर्म का फल भुगतना होगा.
दिल्ली में 10 गुना स्पीड से होगा काम
सीएम ने कहा, "आज के आदेश के बाद दिल्ली में 10 गुना स्पीड से काम होगा. दिल्ली के लोगों को ऐसा प्रशासन देना है, जो जिम्मेदार हो. अगले कुछ दिनों में बहुत बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा. कई अधिकारियों को उनके ट्रैक रिकॉर्ड और फरफॉर्मेंस के आधार ट्रांसफर किया जाएगा. पूरे सिस्टम को जनता के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा. शिक्षा और स्वास्थ्य के मॉडल के बाद जनता के सामने गवर्नेंस का मॉडल रखेंगे.
करप्शन पर भी ले सकते हैं एक्शन
केजरीवाल ने कहा, "बहुत से ऐसी पोस्ट हैं, जिनकी ज़रूरत नहीं है. इनको चिन्हित करके खाली करेंगे या खत्म करेंगे. जहां-जहां ज्यादा जरूरत है वहां नई पोस्ट क्रिएट करेंगे. केजरीवाल ने कहा कि अब हम नई पोस्ट क्रिएट कर सकते हैं या रिक्रूटमेंट कर सकते हैं. ACB हमारे पास नहीं है, लेकिन विजिलेंस है. ऐसे में हम करप्शन पर भी एक्शन ले सकते हैं."
कोर्ट ने क्या फैसला दिया?
अदालत ने फैसला दिया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और प्रॉपर्टी को छोड़कर दिल्ली में प्रशासन पर नियंत्रण चुनी हुई सरकार का होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि चुनी हुई सरकार के पास अफसरों पर नियंत्रण की ताकत ना हो, अधिकारी मंत्रियों को रिपोर्ट करना बंद कर दें या फिर उनके निर्देशों का पालन ना करें तो जवाबदेही के नियम के मायने नहीं रह जाएंगे. शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य के मामलों में केंद्र का इतना दखल ना हो कि नियंत्रण उसी के हाथ में चला जाए. दिल्ली का किरदार अनूठा है, वह दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों जैसी नहीं है। दिल्ली भले ही पूर्ण राज्य ना हो, लेकिन इसके पास कानून बनाने के अधिकार हैं.
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