तेज बहादुर यादव
नई दिल्ली:
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव की पत्नी ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उनकी पति से मुलाकात हुई और वह उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हैं. मेस में 'घटिया खाने' की शिकायत से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए जाने के बाद सुर्खियों में आए जवान की पत्नी ने अदालत को बताया कि उनकी पति से मुलाकात जम्मू एवं कश्मीर के सांबा क्षेत्र में हुई, जहां वह तैनात हैं.
इसके बाद न्यायमूर्ति जी.एस.सिस्तानी और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने इस संबंध में तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला देवी की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा कर दिया.
बीएसएफ के वकील गौरंग कंठ ने न्यायालय को बताया कि तेज बहादुर ने नया मोबाइल फोन खरीदा है और उन पर अपने परिवार से बात करने की कोई पाबंदी नहीं है.
बीएसएफ ने तेज बहादुर का वह निजी मोबाइल फोन ले लिया, जिससे उन्होंने वीडियो अपलोड किया था. बीएसएफ के अनुसार, यह जांच का हिस्सा है.
पत्नी को मिली थी दो दिनों तक उनके साथ रहने की मंजूरी
उच्च न्यायालय के 10 फरवरी के निर्देश के बाद बीएसएफ ने तेज बहादुर की पत्नी को उनसे मिलने और दो दिनों तक उनके साथ रहने की मंजूरी दी थी. शर्मिला देवी और उनके परिवार के सदस्यों का लगातार तीन दिनों तक तेज बहादुर से संपर्क नहीं हो पाया था, जिसके बाद शर्मिला देवी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी.
शर्मिला ने कहा था कि उनकी सात फरवरी को पति से आखिरी बार बात हुई थी. उस वक्त तेज बहादुर ने बताया था कि उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया जा रहा है.
बीएसएफ ने अदालत को बताया था कि तेज बहादुर लापता नहीं हैं. उन्हें सिर्फ अन्य बटालियन में स्थानांतरित किया गया है और उसकी पत्नी की आशंका निराधार है.
तेज बहादुर ने जनवरी में सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने बीएसएफ जवानों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की शिकायत करते हुए 'कुछ अधिकारियों' पर भोजन सामग्री बेचने का आरोप भी लगाया था. हालांकि उन्होंने किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया था.
इससे पहले तेज बहादुर के परिवार ने आरोप लगाया था कि जवान को धमकाया जा रहा है और उन्हें मानसिक यातना दी जा रही है.
तेज बहादुर का वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना का ब्यौरा मांगा था.
तेज बहादुर के खिलाफ अनुशासनहीनता सहित कई आरोपों की जांच चल रही है. उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की याचिका भी खारिज कर दी गई है.
इसके बाद न्यायमूर्ति जी.एस.सिस्तानी और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने इस संबंध में तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला देवी की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा कर दिया.
बीएसएफ के वकील गौरंग कंठ ने न्यायालय को बताया कि तेज बहादुर ने नया मोबाइल फोन खरीदा है और उन पर अपने परिवार से बात करने की कोई पाबंदी नहीं है.
बीएसएफ ने तेज बहादुर का वह निजी मोबाइल फोन ले लिया, जिससे उन्होंने वीडियो अपलोड किया था. बीएसएफ के अनुसार, यह जांच का हिस्सा है.
पत्नी को मिली थी दो दिनों तक उनके साथ रहने की मंजूरी
उच्च न्यायालय के 10 फरवरी के निर्देश के बाद बीएसएफ ने तेज बहादुर की पत्नी को उनसे मिलने और दो दिनों तक उनके साथ रहने की मंजूरी दी थी. शर्मिला देवी और उनके परिवार के सदस्यों का लगातार तीन दिनों तक तेज बहादुर से संपर्क नहीं हो पाया था, जिसके बाद शर्मिला देवी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी.
शर्मिला ने कहा था कि उनकी सात फरवरी को पति से आखिरी बार बात हुई थी. उस वक्त तेज बहादुर ने बताया था कि उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया जा रहा है.
बीएसएफ ने अदालत को बताया था कि तेज बहादुर लापता नहीं हैं. उन्हें सिर्फ अन्य बटालियन में स्थानांतरित किया गया है और उसकी पत्नी की आशंका निराधार है.
तेज बहादुर ने जनवरी में सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने बीएसएफ जवानों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की शिकायत करते हुए 'कुछ अधिकारियों' पर भोजन सामग्री बेचने का आरोप भी लगाया था. हालांकि उन्होंने किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया था.
इससे पहले तेज बहादुर के परिवार ने आरोप लगाया था कि जवान को धमकाया जा रहा है और उन्हें मानसिक यातना दी जा रही है.
तेज बहादुर का वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना का ब्यौरा मांगा था.
तेज बहादुर के खिलाफ अनुशासनहीनता सहित कई आरोपों की जांच चल रही है. उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की याचिका भी खारिज कर दी गई है.
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