हैदराबाद:
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के नेता और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। सात साल पुराने मामले में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद ओवैसी ने सोमवार को समर्पण किया था, और जमानत की अर्जी दी थी। उधर, इस गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में बंद रहा, और पुराने शहर क्षेत्र में दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और शिक्षा संस्थान बंद रहे। इसके अलावा शहर के अन्य मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में भी बंद का व्यापक असर देखने को मिला।
सरकार के स्वामित्व वाले सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) ने अधिकांश स्थानों के लिए अपनी सेवाएं निलम्बित कर दीं, जबकि ऑटो रिक्शा भी सड़कों से नदारद रहे। आमतौर पर व्यस्त रहने वाले ऐतिहासिक चारमीनार के आसपास के बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा। वैसे किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर के सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था।
सांगारेड्डी के मेडक जिला स्थित न्यायालय द्वारा ओवैसी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद से हैदराबाद और तेलंगाना के कई शहरों में बंद रखा गया है, जिसके तहत सांगारेड्डी और मेडक जिले के अन्य शहरों, करीमनगर, आदिलाबाद और तेलंगाना के अन्य शहरों और रायलसीमा क्षेत्र के अनंतपुर में भी बंद रहा। हैदराबाद के कुछ हिस्सों में सोमवार को हिंसा की छिटपुट घटनाओं की खबर मिली थी।
उल्लेखनीय है कि ओवैसी और एमआईएम के अन्य नेताओं ने वर्ष 2005 में सरकारी अधिकारियों को एक धार्मिक ढांचा ढहाने से रोका था। अधिकारी सड़क विस्तार के लिए ढांचे को ढहाना चाहते थे। इसी मामले में ओवैसी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट लम्बित था। एमआईएम के महासचिव अहमद पाशा कादरी ने कहा कि उनकी पार्टी ने बंद का आह्वान नहीं किया है, लेकिन जिलों और शहरों में लोग खुद ही अपनी दुकानें और व्यावसायिक संस्थान बंद रखकर ओवैसी से अपनी एकजुटता दिखा रहे हैं। पुलिस ने आदिलाबाद के निर्मल शहर क्षेत्र में भी सुरक्षा कड़ी कर दी है, जहां असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी को घृणास्पद भाषण देने के मामले में न्यायालय के सामने पेश किया गया, जहां उनकी न्यायिक हिरासत दो हफ्ते के लिए बढ़ा दी गई है।
सरकार के स्वामित्व वाले सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) ने अधिकांश स्थानों के लिए अपनी सेवाएं निलम्बित कर दीं, जबकि ऑटो रिक्शा भी सड़कों से नदारद रहे। आमतौर पर व्यस्त रहने वाले ऐतिहासिक चारमीनार के आसपास के बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा। वैसे किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर के सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था।
सांगारेड्डी के मेडक जिला स्थित न्यायालय द्वारा ओवैसी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद से हैदराबाद और तेलंगाना के कई शहरों में बंद रखा गया है, जिसके तहत सांगारेड्डी और मेडक जिले के अन्य शहरों, करीमनगर, आदिलाबाद और तेलंगाना के अन्य शहरों और रायलसीमा क्षेत्र के अनंतपुर में भी बंद रहा। हैदराबाद के कुछ हिस्सों में सोमवार को हिंसा की छिटपुट घटनाओं की खबर मिली थी।
उल्लेखनीय है कि ओवैसी और एमआईएम के अन्य नेताओं ने वर्ष 2005 में सरकारी अधिकारियों को एक धार्मिक ढांचा ढहाने से रोका था। अधिकारी सड़क विस्तार के लिए ढांचे को ढहाना चाहते थे। इसी मामले में ओवैसी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट लम्बित था। एमआईएम के महासचिव अहमद पाशा कादरी ने कहा कि उनकी पार्टी ने बंद का आह्वान नहीं किया है, लेकिन जिलों और शहरों में लोग खुद ही अपनी दुकानें और व्यावसायिक संस्थान बंद रखकर ओवैसी से अपनी एकजुटता दिखा रहे हैं। पुलिस ने आदिलाबाद के निर्मल शहर क्षेत्र में भी सुरक्षा कड़ी कर दी है, जहां असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी को घृणास्पद भाषण देने के मामले में न्यायालय के सामने पेश किया गया, जहां उनकी न्यायिक हिरासत दो हफ्ते के लिए बढ़ा दी गई है।
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