भारत राष्ट्र समिति (BRS) हैदराबाद के पॉश बंजारा हिल्स में अपने मुख्यालय भवन में कुछ बदलाव कर रही है, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि पिछले साल विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद पार्टी की किस्मत को फिर चमकाने के लिए इसे ‘वास्तु' के अनुरूप किया जा रहा है.
वास्तु एक प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प प्रणाली है जिसके बारे में माना जाता है कि यह रहने और काम करने की जगहों के भीतर ऊर्जा के प्रवाह में सामंजस्य स्थापित करती है.
बीआरएस सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि बदलावों में उत्तर-पूर्वी तरफ एक गेट खोलना और सुगमतापूर्वक आवाजाही के लिए एक ढलान का निर्माण शामिल है. इन्हें यातायात की भीड़ को कम करने और इमारत में वाहनों के मुक्त प्रवाह की सुविधा के लिए बनाया जा रहा है.
इमारत के मौजूदा मुख्य द्वार की सड़क, जो उत्तर-पश्चिम की ओर है, वहां गाड़ियों का जाम लग जाता है, खासकर जब पार्टी की बैठकें होती हैं जिनमें बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता शामिल होते हैं.
बीआरएस प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को भक्तिभाव के लिए जाना जाता है और उन्होंने अतीत में कई अवसरों पर यज्ञ और अन्य विशेष प्रकार की पूजा की थी.
‘वास्तु' में विश्वास के लिए वह अक्सर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की आलोचना का शिकार होते रहे हैं. दोनों पार्टियों ने अतीत में आरोप लगाया था कि राव के ‘वास्तु' में विश्वास के कारण तत्कालीन बीआरएस सरकार ने मौजूदा सचिवालय को ध्वस्त कर दिया और एक भव्य नया सचिवालय बनाया.
बीआरएस 2014 से दिसंबर 2023 तक लगभग 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस से विधानसभा चुनाव हार गई थी.
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