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This Article is From May 16, 2017

खतरनाक है ‘रैन्समवेयर वानाक्राई’ वायरस, ऐसे करें डिवाइस की सुरक्षा

इस वायरस का अभी तक 150 देशों पर असर पड़ा है. इसकी वजह से ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुए हैं. दुनिया भर के साइबर एक्सपर्ट इस वायरस से बचने के लिए उपाय बता रहे हैं. उनका कहना है कि थोड़ी सी भी लापरवाही कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.   

खतरनाक है  ‘रैन्समवेयर वानाक्राई’ वायरस, ऐसे करें डिवाइस की सुरक्षा
नई दिल्ली:

साइबर वायरस  ‘रैन्समवेयर वानाक्राई’ की वजह से इस समय पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है. इसके साथ ही सुरक्षा को लेकर भी कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं. भारत में अभी तक इसका असर कुछ जगहों पर पड़ा है.गृह मंत्रालय पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है वहीं भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से भी सभी बैंकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. एनडीटीवी के मुताबिक इस वायरस का अभी तक 150 देशों पर असर पड़ा है. इसकी वजह से ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुए हैं. दुनिया भर के साइबर एक्सपर्ट इस वायरस से बचने के लिए उपाय बता रहे हैं. उनका कहना है कि थोड़ी सी भी लापरवाही कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.   


क्या है ‘रैन्समवेयर वानाक्राई
साइबर की दुनिया में इसको वायरस कहा जाता है. यह किसी भी तरह आपके कंप्यूटर को हैक करने की कोशिश करता है. एक बार यह जब कामयाब हो जाता है तो हैकर्स इसको हटाने के लिए फिरौती की मांग करते हैं. इस वायरस के सक्रिय हो जाने पर आपका कंप्यूटर पूरी तरह से लॉक हो जाता है. खास बात यह है कि हैकर्स फिरौती की रकम बिटक्वाइंस के जरिए देने की मांग करते हैं. 


कितने लोग आ चुके हैं चपेट हैं
इसका असर यूरोपीय देशों में ज्यादा दिखाई दे रहा है. आधिकरिक सूत्रों की मानें तो 2 लाख कंप्यूटर इसकी चपेट में आ चुके हैं. हालांकि इसका असर जापान, कोरिया और चीन में भी दिखाई दे रहा है. चीन की सरकारी मीडिया की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि करीब 40 हजार व्यापारिक और दूसरे संस्थानों में इसका असर पड़ा है.  वहीं खबर यह भी कुछ लोगों ने इससे निजात पाने के लिए हैकर्स को फिरौती की रकम दे डाली है जिनमें कुछ लोगों का कंप्यूटर फिर से शुरू कर दिया गया है.

 

कौन है सुरक्षित
रैन्समवेयर वानाक्राई वायरस ने अभी तक उन कंप्यूटरों को नुकसान नहीं पहुंचाया है जो जिनमें विंडो XP का इस्तेमाल किया जा रहा है हालांकि यह काफी पुराना विंडो है जो  जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने 2014 में ही सपोर्ट करना बंद कर दिया था. अगर आप विडोंज या  XP का अपडेट वर्जन सुरक्षा मानकों के साथ इस्तेमाल कर रहे है तो नुकसान नहीं होगा. हालांकि साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि XP का इस्तेमाल करना तुरंत बंद कर देना चाहिए.

 

एप्पल और एंड्राएड कितने सुरक्षित
एप्पल के कंप्यूटरों भी अभी तक असर नहीं देखने को मिला है. हालांकि मैक्स या आईफोन को बारे में अभी कुछ भी दावा नहीं किया जा सकता है. माना जा रहा है कि एप्पल का जिस तरह से मार्केट शेयर बढ़ा है उससे वह निशाने पर है.  वहीं एंड्राएड फोन को सबसे ज्यादा खतरा है क्योंकि ज्यादातर एंड्राएड फोन में पुराना वर्जन इस्तेमाल किया जा रहा है.

 

कैसे करें सुरक्षा
1- कोशिश करें कि आपके डिवाइस का सॉफ्टवेयर अपडेट हो. इससे डिवाइस के बग्स दूर होने के साथ ही सुरक्षा के मानक भी अपडेट हो जाते हैं. अगर आप अपने डिवाइस को अपडेट रखते हैं तो फिर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है.
2-  सभी जरूरी फाइलों का बैकअप  जरूर रखें. 
3- जरूरी सेवाओं के लिए पासवर्ड का इस्तेमाल करें.
4-  मेल खोलते समय सावधानी बरतें.
 

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