
साइबर हमले को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने एक हेल्पलाइन शुरू की है तथा एक सेंटर बनाया है
- साइबर हमले की शिकायत दर्ज न होने हकीकत का पता नहीं चल पाता
- हेल्पलाइन पर एक दिन में करीब 300 लोगों ने अपनी समस्याएं बताईं
- रैंसमवेयर साइबर हमला एक तरह से फिरौती मांगना है
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र उन गिने-चुने राज्यों में एक है जिसने रैंसमवेयर साइबर हमले से निपटने के लिए हेल्पलाइन (02536631777) शुरू की है. आईपीएस बृजेश सिंह महाराष्ट्र में साइबर के प्रमुख हैं.
पुलिस के मुताबिक, हेल्पलाइन की घोषणा के बाद से दोपहर तक ही 282 कॉल आ चुकी थीं, जिनमें हमले से प्रभावित लोगों के साथ उससे बचने के उपाय जानने की इच्छा रखने वाले शामिल हैं. और यह हेल्पलाइन केवल दो दिनों के लिए शुरू की गई है.
जानकारों के मुताबिक इस बार का साइबर हमला अबतक का विश्व में सबसे बड़ा सायबर हमला है. इससे अमेरिका और रूस जैसे देश भी प्रभावित हुए हैं जबकि वहां के ऑपरेटिंग सिस्टम ज्यादा एडवांस हैं.
भारत में सबसे ज्यादा हमले की वजह यहां अब भी बड़े पैमाने पर विंडोज के पुराने xp जैसे सिस्टम का इस्तेमाल होना है, जिसके अपडेट आने बंद हो गए हैं.
रैंसमवेयर साइबर हमला एक तरह से फिरौती मांगना है. जहां वायरस कंप्यूटर के डाटा को लॉक कर देता है और बदले में बिट कॉइन के जरिए पैसे की मांग करता है. इसके लिए कंप्यूटर स्क्रीन पर एक लिंक भी दी जाती है जिस पर ऑनलाइन पैमेंट करने को कहा जाता है. जानकारों के मुताबिक इसे पकड़ पाना नामुमकिन है.
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