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This Article is From Jul 21, 2021

ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर एलजी साहब फाइल ही दबाकर बैठे हैं : सत्येंद्र जैन

 सत्येंद्र जैन ने कहा कि ऑक्सीजन से हुई मौतों पर डेटा को तय करने के लिए ही समिति बनाई गई थी, इसको ही केंद्र सरकार ने एलजी साहब के माध्यम से भंग करवा दिया. बिना पूरी जानकारी के आंकड़ा नहीं रिपोर्ट किया जा सकता

ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर एलजी साहब फाइल ही दबाकर बैठे हैं : सत्येंद्र जैन
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों पर सत्येंद्र जैन का बयान
नई दिल्ली:

क्या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत सारे कोविड मरीज ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ गए?  इसके सवाल के जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने राज्यसभा में बताया कि 'स्वास्थ्य राज्य का विषय है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सूचित की जाने वाली मौतों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए हैं. तदनुसार सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश मामले और मौतों को नियमित आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट करते हैं, तथापि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी मौत की सूचना नहीं दी गई है.

जब इस बारे में दिल्ली के स्वास्थ्यमंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar jain)  ने एनडीटीवी से खास बातचीत की.

सवाल - केंद्र सरकार ने संसद को बताया है कि राज्यों में ऑक्सीजन से हुई मौत का कोई आंकड़ा केंद्र सरकार को रिपोर्ट नहीं किया है. दिल्ली का क्या कहना है?

अप्रैल-मई महीने में जब कोरोना की लहर आई तब ऑक्सीजन की बहुत किल्लत रही. कई अस्पतालों से ऐसी रिपोर्ट आई थी कि वहां पर ऑक्सीजन खत्म हो गई और जिसकी वजह से कई मौत हुई यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था. दिल्ली सरकार ने इसका निश्चित आंकड़ा पता करने के लिए और इनको मुआवजा देने के लिए एक समिति बनाई थी, जिसका काम था कि जो भी ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई है उनका पता करें और उनको ₹5 लाख तक का मुआवजा दें. इस समिति को केंद्र सरकार ने एलजी के माध्यम से भंग करा दिया. अगर वह समिति काम करती है तो सही आंकड़ा भी सामने आ जाता. हाई कोर्ट के अंदर उस समय अलग-अलग अस्पताल खुद जा रहे थे और यह कह रहे थे कि हमारे यहां ऑक्सीजन खत्म हो गई है. हमको ऑक्सीजन दिलवाओ. सुप्रीम कोर्ट ने इसमें दखल दिया इसकी वजह से दिल्ली में खासतौर से हजारों लोगों की जान बच गई. अगर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दखल नहीं देते तो बहुत भयावह स्थिति हो सकती थी. केंद्र सरकार उन लोगों के जले पर नमक ना छिड़के जिनके घर मौत हुई है. कल को केंद्र सरकार यह भी कह सकती है कि कोरोना कभी आया ही नहीं

सवाल - क्या दिल्ली सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को कोई रिपोर्ट शेयर की गई है, जिसमें ऑक्सीजन से हुई मौत का आंकड़ा दिया गया हो?

 डेटा को तय करने के लिए ही समिति बनाई गई थी, इसको ही केंद्र सरकार ने एलजी साहब के माध्यम से भंग करवा दिया. बिना पूरी जानकारी के आंकड़ा नहीं रिपोर्ट किया जा सकता

सवाल - क्या केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से कोई रिपोर्ट या डाटा मांगा, जिसमें ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के बारे में पूछा गया हो?

 अगर उनको वह आंकड़ा मांगना होता तो वह समिति क्यों भंग करवाते? अगर उनको इसकी जानकारी चाहिए होती या अगर वह इतने पारदर्शी होते, अगर उनको यह घोषित नहीं करना होता कि ऑक्सीजन की वजह से एक भी मौत नहीं हुई तभी तो मांगते?

सवाल- एलजी साहब ने ऑक्सीजन वाली समिति खारिज करते हुए कारण क्या बताया था?

  एलजी साहब बॉस हैं. एलजी साहब ने कहा केंद्र सरकार की समिति इसको देख रही है. एलजी साहब ने समिति को खारिज कर दिया था इसके बाद हमने दोबारा उनके पास भेजा है और उसके बाद से वह फाइल लेकर बैठे हुए हैं.

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