कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज जम्मू-कश्मीर में अपनी भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व यह रेखांकित करते हुए किया कि यह उनके लिए "घर वापसी" है. उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "मैं अपनी जड़ों की ओर वापस जा रहा हूं. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा जानता हूं और सिर झुकाकर आपके पास आया हूं." उन्होंने कहा, "मैं यहां आपसे सीखने आया हूं. आप में से प्रत्येक ने बहुत कुछ सहा है और मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहता हूं कि मैं यहां आपका दुख बांटने आया हूं."
शंकराचार्य के बाद आप आए : फारूक अब्दुल्ला
भारत जोड़ो यात्रा और 8वीं शताब्दी में वैदिक विद्वान शंकराचार्य द्वारा की गई यात्रा के बीच तुलना करते हुए, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "यह शंकराचार्य थे, जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक जंगलों के रास्ते पैदल चले थे... कोई सड़क नहीं थी. आप कन्याकुमारी से कश्मीर तक ऐसी यात्रा करने वाले दूसरे व्यक्ति हैं."
माधोपुर में भव्य स्वागत
संगीत और नृत्य सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ यात्रा का माधोपुर में भव्य स्वागत किया गया. राहुल गांधी की अगवानी करने के लिए फारूक अब्दुल्ला मौके पर थे. 85 साल के बुजुर्ग ने भावुक होते हुए कहा, "आंखें बंद करने से पहले, मैं अपने सेक्युलर हिंदुस्तान को फिर से देखना चाहता हूं, जहां सभी का सम्मान हो." फारूक अब्दुल्ला के अलावा, कांग्रेस के जयराम रमेश, अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे.
कांग्रेस ने 21 विपक्षी दलों को आमंत्रित किया
30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रीनगर में यात्रा के भव्य समापन समारोह में कांग्रेस, सहयोगियों और क्षेत्रीय दलों के कई वरिष्ठ नेताओं के मौजूद रहने की उम्मीद है. कांग्रेस ने 21 विपक्षी दलों को 30 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. जम्मू और कश्मीर यात्रा का अंतिम चरण है, जो 125 दिन पहले सितंबर में कन्याकुमारी से शुरू हुआ था.
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