
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने द बंगाल फाइल्स फिल्म देखने के बाद बंगाल में हिंदुओं के संघर्ष की बात कही.
- उन्होंने बताया कि यह फिल्म आजादी के बाद की पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण है जो विभाजन के सच को नहीं देख पाई हैं.
- फिल्म में बंगाल के विभाजन के समय हुए नरसंहार और शरणार्थियों के संघर्ष को प्रस्तुत किया गया है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के बेगूसराय में 'द बंगाल फाइल्स' फिल्म देखने के बाद बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंदुओं को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करना होगा. यह फिल्म आजादी के बाद की उन पीढ़ियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिन्होंने विभाजन के सच को नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि फिल्म में विभाजन के समय बंगाल में हुए नरसंहार और शरणार्थियों के संघर्ष को दिखाया गया है.
गिरिराज सिंह ने कहा, "इस फिल्म को देखकर लगता है कि बंगाल में लोगों को खुद को बचाने के लिए 'गोपाल पाठा' जैसा बनना पड़ेगा." उन्होंने जोर देकर कहा कि हर नौजवान को यह फिल्म देखनी चाहिए, ताकि वे इतिहास के सच से मुंह न छिपाएं.
विपक्ष और राजनीतिक फतवों पर प्रतिक्रिया
विपक्ष द्वारा फिल्म पर सवाल उठाए जाने पर, गिरिराज सिंह ने कहा कि इतिहास के सच को झुठलाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा, "क्या 'डायरेक्ट एक्शन डे' इतिहास के पन्नों में नहीं है? सोहराब वर्दी का पुलिस के साथ जो इतिहास है, वह सच नहीं है?"
जब उनसे मस्जिदों से राजनीतिक फतवा जारी करने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "अगर मौलवी मस्जिदों से राजनीतिक फतवा जारी करेंगे तो हम मंदिरों से अपनी हुंकार भरेंगे." उन्होंने यह भी साफ किया कि "हुंकार का मतलब हुंकार होता है."
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