हर साल की तरह इस बार भी बारिश ने हिमाचल में भारी तबाही मचाई है. पिछले दिनों हिमाचल में बारिश से कई जगहों पर भूस्खलन होने से कई रास्ते बंद हो गए थे. अब हिमाचल प्रदेश में 4 दिन के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग की तरफ से ये अलर्ट 18 से 21 जुलाई तक के लिए जारी किया गया है. 23 जुलाई तक हिमाचल में मौसम खराब रहेगा. इस दौरान बिजिबलिटी भी कम रहेगी.
हिमाचल सरकार ने सभी जिलों के डीसी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. हिमाचल घूमने आए पर्यटकों व स्थानीय लोगों नदी नालों के समीप न जाने की चेतावनी जारी की है. हिमाचल के कई स्थानों में सड़कों पर भूस्खलन हो रहे हैं. हिमाचल में 2 दर्जन के करीब पानी की परियोजना ठप पड़ी है. जबकि 1 दर्जन से ज्यादा सड़के बंद है. वहीं एन एच पर जेसीबी मशीन पर चट्टाने गिरने से एक व्यक्ति के घायल होने की भी खबर है.
हिमाचल सीएम ने गृह मंत्री से मुलाकात कर किया ये आग्रह
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य में प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए बकाया राशि को प्राथमिकता के आधार पर जारी करने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री ने अमित शाह को हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक आपदा से जुड़े खतरों से अवगत कराया और आपदा उपरांत आकलन करने पहुंची केंद्र की टीम द्वारा सिफारिश की गई 9,042 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी करने का आग्रह किया.
हिमाचल में बारिश से भारी नुकसान
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि यह आकलन पिछले साल मानसून के दौरान राज्य में आई विकराल प्राकृतिक आपदाओं में से एक के बाद किया गया. उस दौरान मूसलाधार वर्षा के कारण अचानक आयी बाढ़ और भूस्खलन से विकट स्थिति उत्पन्न हो गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि धनराशि मंत्रालय के पास लंबित है और इसकी तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि राज्य में मानसून आ चुका है.
इन परियोजनाओं को मंजूरी देने का भी किया अनुरोध
हिमाचल सीएम ने केंद्रीय गृहमंत्री को यह भी बताया कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत 61.07 करोड़ रुपये का बकाया हिमाचल प्रदेश को दिया जाना है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष के अंतर्गत मंत्रालय को प्रस्तुत 125.84 करोड़ रुपये की परियोजना को शीघ्र मंजूरी देने का भी अनुरोध किया.
सुक्खू ने राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के परिसर स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा मंडी, रामपुर और नालागढ़ में इनका निर्माण कार्य शुरू करने का आग्रह किया. उन्होंने लाहौल स्पीति और लद्दाख के बीच अंतरराज्यीय सीमा पर सरचू और शिंकुला में राज्य सरकार की भूमि पर अनाधिकृत कब्जे और अतिक्रमण के खिलाफ उचित कार्रवाई की भी मांग की.
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