इलाहाबाद:
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद विकास प्राधिकारण (जीडीए) की ओर से निजी बिल्डरों को आवासीय परिसर बनाने के लिए दी गई भूमि का आवंटन रद्द कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने राजेंद्र त्यागी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
याचिकाकर्ता का आरोप था कि गाजियाबाद के नूरनगर गांव में अधिगृहित जमीन को जीडीए ने एससीसी बिल्डर्स और के.डब्ल्यू ड्रीम होम कंस्ट्रक्शंस को लीज पर दिया और फिर बाद में फ्लैटों की खरीद के लिए फ्री-होल्ड का अधिकार भी दिया जाने लगा।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने राजेंद्र त्यागी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
याचिकाकर्ता का आरोप था कि गाजियाबाद के नूरनगर गांव में अधिगृहित जमीन को जीडीए ने एससीसी बिल्डर्स और के.डब्ल्यू ड्रीम होम कंस्ट्रक्शंस को लीज पर दिया और फिर बाद में फ्लैटों की खरीद के लिए फ्री-होल्ड का अधिकार भी दिया जाने लगा।
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