बता दें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से 2 करोड़ रुपये नकद लेने का आरोप है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर इन आरोपों की जांच की मांग की है. और कहा है कि महुआ ने व्यवसायी से रिश्वत ली और अपनी संसद लॉगिन क्रेडेंशियल भी साझा कीं. हालांकि, तृणमूल सांसद मोइत्रा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है.
शहजाद पूनावाला ने पूछे सवाल
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता शहजाद पूनावाला ने TMC के इस रुख को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा पर टीएमसी का आधिकारिक रुख यह है कि हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और सांसद अपना बचाव करेंगी. इसका क्या मतलब है?
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने सोशल साइट एक्स पर किए एक पोस्ट में लिखा क्या इसका मतलब ये है कि...
1) टीएमसी ने स्वीकार कर लिया कि महुआ मोइत्रा ने रिश्वत के बदले में अपना लॉग इन डिटेल एक कॉर्पोरेट फर्म को देने सहित गंभीर उल्लंघन किए हैं?
2) यदि हां, तो टीएमसी उन्हें बर्खास्त करने के बजाय अभी भी क्यों बरकरार रखे हुए है?
3) क्या टीएमसी यह कार्रवाई करने से डर रही है क्योंकि पार्टी के पास छिपाने के लिए कुछ है? शायद पार्टी के लोग इसे जानते थे या इसका समर्थन करते थे?
वहीं, शहजाद पूनावाला ने ये भी कहा है कि टीएमसी को ये सारी बातें स्पष्ट करनी चाहिए.
गौरतलब है कि शहजाद पूणावाला से पहले बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी टीएमसी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए महुआ मोइत्रा पर तंज कसा था. उन्होंने सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट कर कहा था कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को छोड़ दिया है. वह अभिषेक बनर्जी के अलावा किसी और का बचाव नहीं करेंगी, जो कम अपराधी नहीं हैं… कई टीएमसी नेता गंभीर भ्रष्टाचार और आपराधिक आरोपों में जेल में हैं, लेकिन ममता बनर्जी ने चुप्पी साध रखी है.
महुआ मोइत्रा से जुड़े विवाद पर टीएमसी ने कल यानी कि शनिवार को टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. टीएमसी के पश्चिम बंगाल महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी के पास इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ नहीं है. पार्टी को लगता है कि जिस व्यक्ति के इर्द-गिर्द यह विवाद चल रहा है, वही इस पर प्रतिक्रिया दे सकता है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक टीएमसी इस विवाद में पड़ना नहीं चाहती है और इससे दूरी बनाए रखेगी.
महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से 2 करोड़ रुपये नकद लेने का आरोप है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर इन आरोपों की जांच की मांग की है. उनका कहना है कि इस बात की जांच की जाए कि महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन से रिश्वत ली और उन्हें अपने संसद लॉगिन क्रेडेंशियल भी दिए.