प्रतीकात्मक चित्र
अहमदाबाद:
सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात के इलाकों में पानी की भारी किल्लत है। सौराष्ट्र के राजकोट, जामनगर और अमरेली ज़िलों के कई गांवों में अलग-अलग जगहों पर 7 दिन से लेकर 18 दिन के अंतराल पर पानी आता है।
हमने राजकोट के लोधिका गांव के लोगों से मुलाकात की तो पता चला कि गांव में 12 दिन से पानी नहीं आया था और अगले 4-5 दिनों तक पानी आने की संभावना भी नहीं है। गांव के लोग हर 3 से 4 दिन के अंतराल पर नहाते हैं और इतने ही दिनों पर कपड़े भी धोए जाते हैं।
पीने के पानी के बिना गुजारा नहीं चल सकता इसलिए बाज़ार से हर 4-5 दिनों के अंतराल पर पानी की टंकी मंगवाई जाती है, जिससे 4-5 दिनों तक पीने के पानी की समस्या हल हो जाती है। लेकिन इस एक टंकी के लिए उन्हें 150 रुपये देने पड़ते हैं। गांव में छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाते नहीं दिखते हैं, बल्कि वे मटके उठाकर पानी भरने जाते दिख जाएंगे।
गुजरात के सौराष्ट्र में कई डैम सूखने की कगार पर हैं, इसलिए सरकार उनसे लोगों को पानी नहीं दे पा रही है। हालांकि सौराष्ट्र तक नर्मदा नहर की केनालों के जरिये पानी पहुंचाया जा रहा है, लेकिन वो नाकाफी नजर आ रहा है। लोग सरकार से गुहार लगाते रहते हैं, लेकिन कोई खास कार्रवाई नहीं हो रही है।
राजकोट के ही कोटडा सांगाणी गांव के सरपंच ने बताया कि उनके गांव में पिछले दो महीने से हर 10 दिन पर पानी आता था। उन्होंने आंदोलन किया तो अब 5-6 दिन पर पानी आने लगा है, जिससे कुछ हद तक उनकी समस्या हल हुई है।
इस बीच खबर आई है कि अरब सागर में चक्रवात उठ रहा है, जिससे सौराष्ट्र समेत गुजरात के कई इलाकों में अगले दो दिनों में बरसात की संभावना है। लोगों को लग रहा है कि सरकार तो सुन नहीं रही, शायद मौसम ही मेहरबान हो जाए और अच्छी बारीश हो जाए तो उनकी मुश्किलें कुछ आसान हो जाएगी।
वरना लोधिका गांव के लोग तो कह रहे हैं कि अगर पानी की समस्या हल नहीं हुई, तो या तो वो वहां से पलायन कर दूसरी किसी जगह रहने चले जाएंगे या फिर आनेवाले समय में सभी चुनावों का बहिष्कार करेंगे।
हमने राजकोट के लोधिका गांव के लोगों से मुलाकात की तो पता चला कि गांव में 12 दिन से पानी नहीं आया था और अगले 4-5 दिनों तक पानी आने की संभावना भी नहीं है। गांव के लोग हर 3 से 4 दिन के अंतराल पर नहाते हैं और इतने ही दिनों पर कपड़े भी धोए जाते हैं।
पीने के पानी के बिना गुजारा नहीं चल सकता इसलिए बाज़ार से हर 4-5 दिनों के अंतराल पर पानी की टंकी मंगवाई जाती है, जिससे 4-5 दिनों तक पीने के पानी की समस्या हल हो जाती है। लेकिन इस एक टंकी के लिए उन्हें 150 रुपये देने पड़ते हैं। गांव में छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाते नहीं दिखते हैं, बल्कि वे मटके उठाकर पानी भरने जाते दिख जाएंगे।
गुजरात के सौराष्ट्र में कई डैम सूखने की कगार पर हैं, इसलिए सरकार उनसे लोगों को पानी नहीं दे पा रही है। हालांकि सौराष्ट्र तक नर्मदा नहर की केनालों के जरिये पानी पहुंचाया जा रहा है, लेकिन वो नाकाफी नजर आ रहा है। लोग सरकार से गुहार लगाते रहते हैं, लेकिन कोई खास कार्रवाई नहीं हो रही है।
राजकोट के ही कोटडा सांगाणी गांव के सरपंच ने बताया कि उनके गांव में पिछले दो महीने से हर 10 दिन पर पानी आता था। उन्होंने आंदोलन किया तो अब 5-6 दिन पर पानी आने लगा है, जिससे कुछ हद तक उनकी समस्या हल हुई है।
इस बीच खबर आई है कि अरब सागर में चक्रवात उठ रहा है, जिससे सौराष्ट्र समेत गुजरात के कई इलाकों में अगले दो दिनों में बरसात की संभावना है। लोगों को लग रहा है कि सरकार तो सुन नहीं रही, शायद मौसम ही मेहरबान हो जाए और अच्छी बारीश हो जाए तो उनकी मुश्किलें कुछ आसान हो जाएगी।
वरना लोधिका गांव के लोग तो कह रहे हैं कि अगर पानी की समस्या हल नहीं हुई, तो या तो वो वहां से पलायन कर दूसरी किसी जगह रहने चले जाएंगे या फिर आनेवाले समय में सभी चुनावों का बहिष्कार करेंगे।
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